टाटा ग्रुप की फुल सर्विस एयरलाइन विस्तारा (Vistara) का एयर इंडिया (Air India) के साथ विलय 2025 के मध्य तक पूरा हो सकता है. इस विलय के लिए जरूरी सभी कानूनी मंजूरियां इस साल के मध्य तक मिल जाएंगी. विस्तारा के CEO विनोद कन्नन इसे 'तरक्की के लिए विलय' ('merger for growth') कहते हैं.
कन्नन कहते है कि वो एयरलाइन की उपभोक्ता-केंद्रित सेवाओं, बेहतरीन कामकाज और कर्मचारियों को विलय की गई यूनिट में लेकर जाने पर विचार करेंगे. कन्नन ने कहा कि विलय के लिए कानूनी मंजूरी 2024 के मध्य तक मिलने की उम्मीद है, और विलय अगले साल की शुरुआत या मध्य तक होने की उम्मीद है. उन्होंने यह भी कहा कि मार्च में खत्म होने वाली मौजूदा तिमाही में सभी कंपटीशन मंजूरियां मिलने की उम्मीद है.
नवंबर 2022 में, टाटा ग्रुप ने एक डील के तहत एयर इंडिया के साथ विस्तारा के विलय की घोषणा की थी, जिसमें सिंगापुर एयरलाइंस को भी एयर इंडिया में 25.1% हिस्सेदारी मिलेगी.
विस्तारा जो कि टाटा और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच ज्वाइंट वेंचर से बनी एक एयरलाइन है, इसके पास 67 विमानों का एक फ्लीट है, ये रोजाना 320 उड़ानों को ऑपरेट करता है. विस्तार को इस साल अप्रैल तक बोइंग 787 सहित तीन और विमान मिलने की उम्मीद है और इससे उसका फ्लीट साइज बढ़कर 70 हो जाएगा.
CEO कन्नन ने एक ब्रीफिंग में कहा, एयरलाइन, जो 9 जनवरी को अपने 9 साल पूरे कर रही है, वित्तीय रूप से पिछले साल की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रही है. हम पिछले वर्ष (2022-23) की आखिरी तिमाही में 'ब्रेक इवेन' पर पहुंचे हैं, अक्टूबर 2022 से जुलाई 2023 तक, हम घाटे में थे, लेकिन तब ज्यादातर एयरलाइंस की तरह, जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर सबसे कमजोर महीने थे, और हमें वहां कुछ नुकसान उठाना पड़ा, दिसंबर एक बहुत बढ़िया रहा है.
1 सितंबर, 2023 को, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने प्रस्तावित विलय को मंजूरी दे दी थी. 2023 के अंत में, विस्तारा की लगभग 35% उड़ानें इंटरनेशनल रूट्स पर और बाकी 65% घरेलू रूट्स पर रहीं थीं. दिसंबर 2022 से दिसंबर 2023 तक 16% अधिक उड़ानें थीं. ये प्रस्थान को लेकर है, 'कन्नन ने कहा और कहा कि एयरलाइन अमेरिका के लिए उड़ानें नहीं चलाई जाएंगी, और यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया पर फोकस रहेगा.
कन्नन ने कहा कि 'हम समय के साथ परिपक्व हो गए हैं; ये सुनिश्चित करने की कोशिश हो रही है कि ग्राहक हर चीज के केंद्र में है. हमें उम्मीद है कि समय के साथ हम इसे एयर इंडिया में भी ले जाने में सक्षम होंगे.
विलय प्रक्रिया के बारे में विस्तारा CEO कन्नन ने कहा, 'हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि विस्तारा में (विलय की गई यूनिट में) हर किसी की भूमिका हो. ये लागत में कटौती या दक्षता के लिए विलय नहीं है, यह विकास के लिए विलय है'. उन्होंने बताया कि शेयरधारकों से किसी अतिरिक्त फंड की जरूरत नहीं है और एयरलाइन अपने खुद का कैश फ्लो मैनेज करने सक्षम है.