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दिल्ली हाई कोर्ट से SpiceJet को राहत, 270 करोड़ रुपये रिफंड करने का फैसला पलटा

ट्रिब्यूनल ने मारन की ओर से 1,323 करोड़ रुपये दिए जाने के दावे को खारिज किया, लेकिन ब्याज समेत 579 करोड़ रुपये का रिफंड दिए जाने को मंजूरी दी थी.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी04:42 PM IST, 17 May 2024NDTV Profit हिंदी
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दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) से एयरलाइन स्पाइसजेट (SpiceJet) को बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल जज के दिए गए उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें स्पाइसजेट को आदेश दिया गया था कि वो कलानिधि मारन (Kalanithi Maran) को 270 करोड़ रुपये रिफंड करे.

कलानिधि मारन और स्पाइसजेट प्रोमोटर अजय सिंह (Ajay Singh) के बीच एग्रीमेंट के चलते 2015 में विवाद शुरू हुआ था. एग्रीमेंट के तहत, सन नेटवर्क (Sun Network) और काल एयरवेज (Kal Airways) के मालिक कलानिधि मारन ने स्पाइसजेट से 58.46% हिस्सेदारी अजय सिंह को ट्रांसफर की थी.

इसके तहत मारन और काल एयरवेज को वॉरंट और प्रेफरेंस शेयर मिलने वाले थे, जो उनको कभी मिले ही नहीं. 2018 में ट्रिब्यूनल ने मारन के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसके तहत मारन को ब्याज समेत 579 करोड़ रुपये मिलने थे. इसमें ट्रिब्यूनल ने मारन की ओर से 1,323 करोड़ रुपये दिए जाने के दावे को खारिज किया, लेकिन ब्याज समेत 579 करोड़ रुपये का रिफंड दिए जाने को मंजूरी दी.

स्पाइसजेट को इस मामले के तहत 329 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी और 250 करोड़ रुपये कैश के तहत देने का निर्देश दिया गया था. इस लिहाज से 30 महीने में 12% ब्याज के आधार पर स्पाइसजेट को 308 करोड़ रुपये देने थे. इसके साथ ही एयरलाइन को 270 करोड़ रुपये के कंपल्सरी रिडीमेबल प्रिफरेंस शेयर इश्यू करने थे. अगर स्पाइसजेट ये पैसा नहीं दे पाती है, तो मारन को 18% ब्याज के आधार पर ये पैसे मिलने थे.

31 जुलाई 2023 को, दिल्ली हाई कोर्ट के सिंगल जज बेंच ने 2018 में ट्रिब्यूनल के फैसले को बरकरार रखते हुए फैसला सुनाया. इसमें मारन और काल एयरवेज की जीत हुई. इस फैसले को स्पाइसजेट ने चुनौती दी. ये केस सितंबर 2023 में जस्टिस यशवंत वर्मा और धर्मेश शर्मा के पास लाया गया था.

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