FMCG की दिग्गज कंपनी डाबर इंडिया (Dabur India) ने अपने जूस में शुगर की मात्रा में 21% की कटौती की है. 2019 में रियल फ्रूट जूस के निर्माता ने फ्रूट ड्रिंक्स में शुगर को कम करने की नीति को अपनाया. पहले चरण में, कंपनी ने शुगर कंटेंट को औसतन 5.4% कम किया, इसके बाद दूसरे चरण के दौरान 7.5% की अतिरिक्त कमी और तीसरे चरण में 6.7% की अतिरिक्त कमी आई.
डाबर ने कहा, "कुल मिलाकर, हमारे प्रयासों से 2018 बेसलाइन से अतिरिक्त शुगर में 20.95% की कमी आई है, जो सालाना लगभग 1,300 मीट्रिक टन कम चीनी खपत के बराबर है. "अब हम अपनी शुगर कटौती के चौथे चरण की शुरुआत कर रहे हैं, जिसका लक्ष्य हमारे बेवरेज पोर्टफोलियो के चीनी में औसतन 3% की कमी हासिल करना है.
डाबर ने 'नो एडेड शुगर' के साथ रियल एक्टिव जूस (Real Activ juice) के कई वेरिएंट भी लॉन्च किए हैं, जिनके नाम रियल एक्टिव क्रैनबेरी (Real Activ Cranberry), रियल एक्टिव अनार हैं. इसने सर्विंग साइज को 200MLसे 180ML और 160ML से 140ML किया है और 110ML में 'रियल' मिनी लॉन्च किया है.
इसके साथ ही कंपनी ने कहा हम स्वाद से समझौता किए बिना अपने उत्पादों में शुगर कंटेंट को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
ये अभियान सिर्फ डाबर तक ही सीमित नहीं है, नेस्ले इंडिया (Nestle India) और पेप्सिको इंडिया (PepsiCo India) वरुण बेवरेजेज (Varun Beverages) सहित कई पैकेज्ड कंज्यूमर गुड्स कंपनियां ग्राहकों के बीच स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने के साथ अपने प्रोडक्टस में शुगर, नमक और फैट की मात्रा को कम करने के लिए काम कर रही हैं.
वरुण बेवरेजेज के प्रेसिडेंट राज गांधी ने कंपनी नतीजों के बाद कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान निवेशकों को बताया था कि, "हमारी सेल्स का लगभग 46% कम चीनी या बिना चीनी वाले प्रोडक्टस से आता है. कंपनी शुगर की मात्रा घटाने पर अपना ध्यान केंद्रित रखेगा.
नेस्ले इंडिया (Nestle India) के चेयरपर्सन सुरेश नारायणन ने कहा है कि नेस्ले इंडिया ने भी पिछले दो सालों में अतिरिक्त शुगर को 30% तक कम कर दिया है और अब शिशु आहार के लिए जीरो -शुगर फूड का परीक्षण कर रही है. मैगी केचप की रेसिपी को पिछले साल बदलाव किया गया है, जिसमें अब इनमें 22% कम शुगर है.