अदाणी ग्रुप के करीब 213 बिलियन डॉलर के बिजनेस एंपायर में चेयरमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani) के बाद कौन? इंडस्ट्री में ये सवाल अक्सर चर्चा में रहता है. हाल के वर्षों में इसकी तस्वीर थोड़ी स्पष्ट दिखने भी लगी है. लोगों के लिए ये बात नई हो सकती है, लेकिन गौतम अदाणी ने एक दशक पहले ही इस बारे में काफी कुछ सोच लिया था.
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने हाल ही में बिजनेस एंपायर के लिए उत्तराधिकार की रणनीति साझा की. उन्होंने ब्लूमबर्ग को बताया कि वे 70 वर्ष की उम्र में रिटायर होने का प्लान बना रहे हैं, जिससे लीडरशिप की अगली पीढ़ी के लिए ट्रांजीशन फेज तैयार होगा.
ब्लूमबर्ग के साथ एक इंटरव्यू में गौतम अदाणी ने लॉन्ग-टर्म बिजनेस सस्टेनेबिलिटी (व्यावसायिक स्थिरता) के लिए उत्तराधिकार प्लान के महत्व पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि इसकी तैयारी एक दशक पहले शुरू की गई थी. अदाणी ग्रुप का भविष्य उनके दोनों बेटों करण और जीत अदाणी के साथ-साथ उनके भतीजों प्रणव और सागर अदाणी के हाथों में होगा. फैमिली ट्रस्ट में सभी बराबर के हिस्सेदार होंगे.
उत्तराधिकार को लेकर मेरी योजना करीब एक दशक पहले शुरू हुई थी और मैंने धीरे-धीरे हमारे 'G2', प्रणव, करण, सागर और अब जीत को शामिल किया.गौतम अदाणी, चेयरमैन, अदाणी ग्रुप (ब्लूमबर्ग के साथ साक्षात्कार में)
अदाणी के बेटे करण और जीत के साथ उनके चचेरे भाई (प्रणव और सागर) पहले से ही कंपनी के भीतर प्रमुख भूमिकाओं में सक्रिय रूप से शामिल हैं.
अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) के MD करण अदाणी लॉजिस्टिक्स और पोर्ट संचालन की देखरेख करते हैं.
उनके छोटे बेटे जीत अदाणी, ग्रुप के डिजिटल उपक्रमों और भारत के सबसे बड़े प्राइवेट एयरपोर्ट नेटवर्क का प्रबंधन देखते हैं.
गौतम अदाणी के भतीजे प्रणव अदाणी, इस ग्रुप के कृषि और तेल सेक्टर्स की अगुवाई करते हैं.
वहीं, दूसरे भतीजे सागर अदाणी, एनर्जी बिजनेस और रीन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स संभालते हैं.
ग्रोथ के लिए उत्साह और साथ मिलकर काम करने की तत्परता को देखते हुए गौतम अदाणी ने अपने उत्तराधिकारियों (Successors) पर भरोसा जताया. उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि उनमें ग्रोथ की भूख है, जो दूसरी पीढ़ी (Second Generation) में कम ही दिखता है.'
उन्होंने अदाणी लीगसी की निरंतरता और सफलता सुनिश्चित करने के लिए उनके सहयोगी प्रयास के महत्व पर जोर दिया.
अहमदाबाद स्थित अदाणी ग्रुप के मुख्यालय में गौतम अदाणी ने ब्लूमबर्ग से कहा, 'उत्तराधिकार, व्यवसाय की स्थिरता के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है.'
उन्होंने कहा, 'मैंने सेकेंड जेनरेशन के लिए च्वाइस छोड़ दी है, क्योंकि बदलाव जो है, वो जैविक, क्रमिक और बहुत व्यवस्थित होना चाहिए.'