जेनसोल इंजीनियरिंग (Gensol Engineering Ltd.) के चीफ फाइनेंशियल एडवाइजर (CFO) जाबिरमेंहदी एम. आगा ने कंपनी में चल रहे रेगुलेटरी संकट की वजह से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनका इस्तीफा मैनेजिंग डायरेक्टर अनमोल सिंह जग्गी और होलटाइम डायरेक्टर पुनीत सिंह जग्गी के कंपनी छोड़ने के बाद आया है.
16 मई को दिए अपने इस्तीफे में आगा ने कहा कि जेनसोल इंजीनियरिंग इस समय कई रेगुलेटरी संस्थाओं की जांच के कारण "गंभीर चुनौतियों" का सामना कर रही है. जांच के बीच, कंपनी के कई विभागों में महत्वपूर्ण डेटा का अव्यवस्थित होना कर्मचारियों के लिए इन जांचों का जवाब देना मुश्किल बना रहा है, क्योंकि उनके पास उचित सपोर्ट सिस्टम नहीं है.
आगा ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि इन कारणों से उन पर बहुत अधिक दबाव है, जो उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है. उन्होंने तत्काल प्रभाव से अपने कर्तव्यों से मुक्त करने की मांग की है.
बुधवार को भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास प्राधिकरण लिमिटेड (IREDA) ने जेनसोल इंजीनियरिंग के खिलाफ 510 करोड़ रुपये की चूक के लिए दिवालिया होने की अर्जी दायर की है. IREDA का ये कदम अप्रैल के अंत में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में की गई शिकायत के बाद आया है, जिसमें जेनसोल पर कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज जमा करने और बिना अनुमति के प्रोमोटर हिस्सेदारी कम करने का आरोप है.
जेनसोल इंजीनियरिंग को तब से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जब SEBI ने कंपनी और इसके पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और होलटाइम डायरेक्टर को सिक्योरिटीज मार्केट में एंट्री करने से रोक दिया था. SEBI ने कहा कि कंपनी ने निजी फायदे के लिए पैसे का गलत इस्तेमाल किया है.