22 जून को 8 महीने के बाद आखिरकार GST काउंसिल की मीटिंग (GST Council Meeting) होने जा रही है. इसमें अप्रत्यक्ष कर को लेकर अहम फैसले हो सकते हैं.
इसमें गेमिंग इंडस्ट्रीज के लिए टैक्स डिमांड नोटिस जैसे मुद्दों पर स्पष्टता आ सकती है. इसके साथ ही ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री, फर्टिलाइजर इंडस्ट्री की GST रिव्यू से जुड़ी मांगों पर भी चर्चा की उम्मीद है.
ये मीटिंग इसलिए भी अहम है, क्योंकि ये नई सरकार बनने के बाद GST काउंसिल की पहली मीटिंग है. इसके साथ ही ये जुलाई 2024 में आने वाले बजट से ठीक पहले भी हो रही है. बैठक से पहले ये मुद्दे चर्चा में हैं:
अलग-अलग उम्मीदों के साथ, इंडस्ट्रीज को कॉरपोरेट गारंटीज और कर्मचारियों को दी जाने वाली ESOPs पर लगने वाले टैक्स के वैल्यूएशन पर टेक्निकल क्लेरिटी चाहती है.
पिछली काउंसिल मीटिंग में पेंरेट कंपनी द्वारा सब्सिडियरी कंपनी को दी गई कॉरपोरेट गारंटी पर 18% GST या फिर गारंटीड इनकम का 1%, इसमें जो भी ज्यादा हो, वो लगाने का प्रबंध किया गया था.
इंडस्ट्री फर्टिलाइजर पर लगने वाले कर का भी रिव्यू चाहती है. दरअसल इस इंडस्ट्री में इनपुट आइटम पर लगने वाला GST, अंतिम उत्पाद पर लगने वाले GST से ज्यादा है.
फिलहाल फर्टिलाइजर पर 5% GST लगता है. जबकि इसमें उपयोग होने वाले कच्चे माल जैसे अमोनिया और पैकेजिंग मटेरियल पर 18% GST लगाया गया है. इससे इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर बन गया है, जिसमें अंतिम उत्पाद का इनपुट टैक्स, आउटपुट टैक्स से ज्यादा है.
2023 में GST काउंसिल के GoM (ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स) की एक कमिटी बनाई गई थी. जिसके अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना हैं. ये कमिटी रेट राशनलाइजेशन पर फैसला करती है. फिलहाल फर्टिलाइजर में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर पर कमिटी की अंतिम रिपोर्ट आना बाकी है. लेकिन उम्मीद लगाई जा रही है कि कमिटी ने जो रेट कम करने को लेकर जो कुछ थोड़ा-बहुत सुझाव दिया है, उसे लागू किया जाएगा.
इस मीटिंग में ऑनलाइन गेमिंग पर GST के रिव्यू का मुद्दा भी अहम है. दरअसल 6 महीने पहले अक्टूबर 2023 में काउंसिल के सदस्यों ने ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो और हॉर्स रेसिंग पर 28% GST लगाने पर सहमति जताई थी.
GST की बढ़ी हुई दर के बाद, सरकार के रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने NDTV Profit को एक इंटरव्यू में FY23 में गेमिंग इंडस्ट्री से मिलने वाले रेवेन्यू के 1600 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया था.
काउंसिल की मीटिंग से पहले पेट्रोलियम उत्पादों को GST के दायरे में लाने की उम्मीद को भी जोर मिला है. लेकिन केंद्र सरकार कहती रही है कि पेट्रोलियम उत्पादों को GST के दायरे में लाने के फैसले पर राज्य स्तर पर भी सहमति बनाने की जरूरत होगी.
ये देखना भी अहम होगा कि क्या इस मीटिंग में GST अपीलेट ट्रिब्यूनल की ऑपरेशनल डेट को लेकर कोई फैसला आता है या नहीं. बता दें मई में संजय कुमार मिश्रा ने नई दिल्ली स्थित GST अपीलेट ट्रिब्यूनल के पहले प्रेसिडेंट के तौर पर शपथ ली थी.