जापानी फाइनेंशियल ग्रुप सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) भारत यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने NDTV प्रॉफिट को बताया है कि सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन यस बैंक में कम से कम 24% हिस्सेदारी हासिल करने के लिए बातचीत कर रहा है.
SMBC सुमितोमो मित्सुई फाइनेंशियल ग्रुप का हिस्सा है. इन लोगों ने बताया कि ये सौदा भारतीय स्टेट बैंक के साथ हो सकता है, जो यस बैंक में सबसे बड़ा सिंगल शेयरहोल्डर है.
इस हिस्सेदारी खरीद से SMBC भारत के बैंकिंग इकोसिस्टम में पूरी तरह से एंट्री कर सकता है. मौजूदा वक्त में SMBC के पास SMFG क्रेडिट इंडिया में मेजोरिटी हिस्सेदारी है, जो एक NBFC है. जिसे पहले फुलर्टन इंडिया क्रेडिट कंपनी कहा जाता था.
इस लेन-देन से SMBC को आखिरकार ओपन ऑफर के लिए आगे बढ़ने और यस बैंक में मेजोरिटी हिस्सेदारी हासिल करने की मंजूरी मिलेगी. हालांकि ये सौदा पिछले साल से ही चल रहा था, लेकिन SMBC को वोटिंग राइट्स पर 26% की सीमा का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद ये बहुत आगे नहीं बढ़ सकी. ऐसा इसलिए किया गया ताकि किसी भी इंडिविजुअल शेयरधारक को बोर्ड पर बहुत अधिक ताकत न मिले.
मामले से जुड़े एक व्यक्ति के मुताबिक, इस लेन-देन से SMBC को भारत में अपनी तीन शाखाओं से आगे बढ़कर अपनी मौजूदगी को मजबूत करने में मदद मिलेगी. मौजूदा वक्त में SMBC के पास SMFG क्रेडिट इंडिया में भी मेजोरिटी हिस्सेदारी है. जो एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (NBFC) है जिसे पहले फुलर्टन कहा जाता था.
यस बैंक अधिग्रहण योजना में SMFG क्रेडिट का यस बैंक में विलय भी शामिल हो सकता है, जिससे SMBC को बैंक में हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका मिलेगा. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने ये बताया कि इन डिटेल्स पर अभी काम किया जाना बाकी है.
अगर डील फाइनल हो जाती है, तो SBI पांच साल बाद यस बैंक से बाहर निकल सकता है. मार्च 2020 में यस बैंक के लिए वित्तीय रूप से उथल-पुथल के दौरान, भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के लिए रीकंस्ट्रक्शन प्लान शुरू किया. योजना के हिस्से के रूप में, SBI के नेतृत्व में प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के एक समूह ने ऑपरेशंस को स्थिर करने के लिए यस बैंक में 10,000 करोड़ रुपये की इक्विटी का निवेश किया था.
तब से, कुछ बैंक अपने निवेश से बाहर निकल गए हैं. हालांकि, SBI के पास निजी बैंक में लगभग 24% हिस्सेदारी बनी हुई है.