मैगी नूडल्स (Maggi) में लेड जैसे खतरनाक केमिकल मिलाकर बेचने और अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस का आरोप झेल रही कंपनी नेस्ले (Nestle) को 9 साल बाद बड़ी राहत मिली है. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने साल 2015 में सरकार की ओर से दर्ज शिकायत को खारिज कर दिया है.
कंज्यूमर्स अफेयर्स डिपार्टमेंट ने नेस्ले इंडिया (Nestle India Ltd.) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले में कंपनी से 639 करोड़ रुपये से अधिक के भारी हर्जाने की मांग की गई थी.
NCDRC ने नेस्ले इंडिया के खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया, जिससे FMCG कंपनी को बड़ी राहत मिली है. कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में इस बात की जानकारी दी. NCDRC ने 2 अप्रैल को ये फैसला सुनाया था, जिस आदेश की प्रति कंपनी को बुधवार को मिली.
नेस्ले ने बताया, 'केंद्र सरकार, डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने 2015 में NCDRC के समक्ष दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कंपनी ने लोगों को खतरनाक-डिफेक्टिव सामग्री और मैगी नूडल्स बनाकर बेची थी. मैगी नूडल्स में तय मात्रा से ज्यादा केमिकल का इस्तेमाल करने और अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.'
इस मामले में सरकार ने नेस्ले से मुआवजे के तौर पर 284.55 करोड़ रुपये और हर्जाने के तौर पर 355.41 करोड़ रुपये मांगा था. सरकार की इस मांग को 9 साल बाद NCDRC ने खारिज कर दिया और फैसला कंपनी के पक्ष में गया.
साल 2015 में नेस्ले के मैगी नूडल्स में खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल करने का आरोप लगने के बाद प्रोडक्ट पर 6 महीने के लिए बैन लगा दिया गया था. कंपनी को करीब 38,000 टन नूडल्स बजार से वापस मंगाना पड़ा और नष्ट करना पड़ा. बाजार से मैगी नूडल्स एकदम से गायब हो गया था. हालांकि नवंबर 2015 में प्रतिबंधों में ढील दी गई और बाजार में एक बार फिर मैगी नूडल्स दिखने लगा.
NCDRC से बड़ी राहत के बाद नेस्ले इंडिया के शेयरों में थोड़ा उछाल दिखा. शुक्रवार सुबह करीब 19 रुपये के उछाल के साथ कंपनी के शेयर NSE पर 2,568 रुपये पर कारोबार कर रहे थे. हालांकि दोपहर 2 बजे के करीब इसके शेयर थोड़ी गिरावट के बाद 2,543 रुपये पर आ गए थे. बता दें कि 31 दिसंबर 2023 को खत्म तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 4.38% ग्रोथ के साथ 655.61 करोड़ रुपये रहा था.