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हिंडनबर्ग के तार चीन से जुड़े होने पर कॉरपोरेट लॉयर महेश जेठमलानी ने उठाए तीन गंभीर सवाल!

सबसे बड़ा सवाल तो KMIL की भूमिका पर उठ रहा है. सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि बिना भीतरघात के हिंडनबर्ग जैसी छोटी रिसर्च कंपनी अकेले इतना बड़े खेल कैसे कर सकती है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी09:16 PM IST, 04 Jul 2024NDTV Profit हिंदी
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हिंडनबर्ग के तार चीन से जुड़े होने की खबर के बाद ये मामला और पेचीदा हो गया है. अब सवाल सिर्फ हिंडनबर्ग और इसके मालिक नाथन एंडरसन पर ही नहीं उठ रहा है, बल्कि मामले से जुड़े पॉलिटिशियन, बिजनेसमैन और फाइनेंशियल इंटरमीडियरीज पर भी उठने लगा है.

सबसे बड़ा सवाल तो KMIL यानी कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट लिमिटेड की भूमिका पर उठ रहा है. सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि बिना भीतरघात के हिंडनबर्ग जैसी छोटी रिसर्च कंपनी अकेले इतना बड़े खेल कैसे कर सकती है. यही नहीं हिंडनबर्ग के पीछे चीन का हाथ होने की खबर के साथ ये मामला और संगीन हो गया है.

देश के जाने-माने कॉरपोरेट वकील महेश जेठमलानी ने हिंडनबर्ग के तार चीन से जुड़े पर बड़े सवाल उठाए हैं.

पहला सवाल: किंगडन को किसने KMIL (कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट लिमिटेड) से मिलवाया, KMIL ने किंगडन को लेकर क्या ड्यू डिलिजेंस यानी जांच पड़ताल की और क्या KMIL ने खुद भी प्रिंसिपल के तौर पर शॉर्ट सेलिंग में हिस्सा लिया.

दूसरा सवाल: क्या इस मामले से जुड़े सभी किरदार- पॉलिटिशियन, बिजनेसमैन और फाइनेंशियल इंटरमीडियरीज जिन्होंने हिंडनबर्ग को अदाणी पर रिपोर्ट बनाने में मदद की और जिसे हिंडनबर्ग ने शॉर्ट सेल के बाद प्रकाशित किया. क्या इन सभी लोगों को हिंडनबर्ग के शॉर्ट सेलिंग के मकसद की जानकारी थी या इन्हें भी आर्थिक रूप से फायदा हुआ.

तीसरा सवाल: क्या इन सभी किरदारों यानी पॉलिटिशियन, बिजनेसमैन और फाइनेंशियल इंटरमीडियरीज को हिंडनबर्ग के तार चीन से जुड़े होने की जानकारी थी.

क्या चीन अदाणी समूह को खतरे के रूप में देखता है

ये तीनों सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब मामले की तह तक जाने के लिए जरूरी है. सिर्फ इसलिए नहीं क्योंकि मामला एक व्यापारिक समूह है, बल्कि इसलिए कि अब ये मामला देश से जुड़ गया है. जैसे-जैसे अदाणी ग्रुप का कारोबार खासकर पोर्ट और माइनिंग का बिजनेस तीसरी दुनिया के देशों में फैल रहा है, वैसे-वैसे चीन शायद अदाणी ग्रुप को एक खतरे के रूप में देख रहा है.

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अदाणी एंटरप्राइजेज में शॉर्ट सेलिंग कर मुनाफा कमाने में हिंडनबर्ग की मदद करने वाली किंगडन फैमिली का 'चाइनीज कनेक्शन' है. ध्यान रहे हिंडनबर्ग और किंगडन ने सांठगांठ कर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी एंटरप्राइज को शॉर्ट सेल कर 180 करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा कमाया है.

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