वॉलमॉर्ट की फिनटेक कंपनी फोनपे (PhonePe) को अपने IPO से पहले पब्लिक कंपनी में कन्वर्ट होने के लिए बोर्ड से मंजूरी मिल गई है. बेंगलुरू स्थित कंपनी फोनपे ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि बोर्ड की मंजूरी मिलने और पब्लिक कंपनी में बदलने के बाद कंपनी का नाम फोनपे प्राइवेट से बदलकर फोनपे लिमिटेड हो जाएगा.
कंपनी के शेयरहोल्डर्स ने 16 अप्रैल की एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) में पास हुए एक स्पेशल प्रस्ताव के जरिए इसको अपनी मंजूरी दी है. फोनपे ने कहा कि पब्लिक कंपनी में बदलने के प्रस्ताव को कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय की मंजूरी मिलना बाकी है.
समीर निगम की अगुआई वाली इस फर्म ने सिंगापुर से भारत में अपना डोमिसाइल (अधिवास) बदलने के दो साल बाद फरवरी में लिस्टिंग की अपनी तैयारियां शुरू कर दी थीं. तब से, फोनपे ने अपने हर एक नए नॉन-पेमेंट बिजनेस को पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनियों के रूप में स्ट्रक्चरल बदलाव किए हैं. अगस्त 2024 में समीर निगम ने कहा था कि वो 30% मार्केट कैप के संभावना होने पर पब्लिक होने को लेकर थोड़ा सा नर्वस महसूस कर रहे हैं.
समीर निगम मौजूदा NPCI नियमों को लेकर बात कर रहे थे, जिसके मुताबिक किसी भी एक UPI प्लेटफॉर्म की मार्केट हिस्सेदारी 30% से ज्यादा नहीं हो सकती. इसका मतलब ये होगा कि मार्केट लीडर फोनपे और गूगलपे जैसी कंपनियों को अपनी हिस्सेदारी कम करनी होगी. उस समय, दिशा-निर्देशों की समयसीमा दिसंबर 2024 थी. बाद में इसे दो साल के लिए टालकर दिसंबर 2026 कर दिया गया.
फोनपे अपने प्रमुख उत्पाद, फोनपे डिजिटल पेमेंट ऐप के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है, जिसे 2016 में लॉन्च किया गया था. मार्च 2025 तक, फोनपे के पास 60 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स और 4 करोड़ से ज्यादा मर्चेंट्स का डिजिटल पेमेंट एक्सेप्टेंस नेटवर्क है. कंपनी का दावा है कि वो प्रतिदिन 33 करोड़ से ज्यादा लेन-देन को प्रोसेस करती है, जिसका सालाना कुल पेमेंट वैल्यू 150 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है.