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Reliance Retail Re-Structure Plan: लिस्टिंग से पहले बिजनेस री-स्‍ट्रक्‍चर कर सकती है रिलायंस रिटेल

मुकेश अंबानी आने वाले समय में अपने दोनों कंज्‍यूमर-फेसिंग बिजनेसेज को लिस्‍ट करने की योजना बना रहे हैं.
NDTV Profit हिंदीसजीत मंघाट
NDTV Profit हिंदी01:58 PM IST, 09 Aug 2024NDTV Profit हिंदी
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मुकेश अंबानी, रिलायंस रिटेल वेंचर्स (RRVL) को शेयर बाजार में लिस्ट करने से पहले कंपनी की री-स्‍ट्रक्‍चरिंग कर सकते हैं. रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने अपने विस्तार और देश की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी बनने के लिए पिछले 3 साल में अधिग्रहण और ज्‍वाइंट वेंचर्स में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है. हालांकि, इस विस्तार ने कंपनी को कर्ज के बोझ तले दबा दिया है, जिसके चलते उसे इक्विटी जुटाने और अपने ऑपरेशंस के कंसोलिडेशन के लिए मजबूर होना पड़ा है.

केयर रेटिंग्स ने अपने एक हालिया नोट में कहा कि पिछले तीन वर्षों में बड़े कैपेक्‍स के पूरा होने और अपेक्षाकृत लाइट-एसेट वाले बिजनेस मॉडल के साथ, RRVL के कैपिटल एक्‍सपेंडिचर की रफ्तार में कमी आने की उम्मीद है, जिससे मिड-टर्म में निरंतर कंफर्टेबल कैपिटल स्‍ट्रक्‍चर सुनिश्चित होगा.

अपनी रिटेल होल्डिंग कंपनी RRVL के लिए अंबानी ने नई पूंजी जुटाने के लिए 2023 में विदेशी निवेशकों से संपर्क किया था. कंपनी ने निवेशकों से 17,667 करोड़ रुपये जुटाए, जिसमें करीब 1,200 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के निवेश किए गए 2,500 करोड़ रुपये शामिल हैं. इससे कंपनी को स्टैंडअलोन लेवल पर अपने डेट-टू-इक्विटी अनुपात को कम करने में मदद मिली.

100 बिलियन डॉलर का वैल्‍यूएशन

पिछली इक्विटी फंडिंग में रिटेल वेंचर को 100 बिलियन डॉलर का वैल्‍यूएशन दिया, जो कि पैरेंट रिलायंस इंडस्ट्रीज के मौजूदा मार्केट कैप का लगभग आधा है. फंड जुटाने के बाद, रिटेल होल्डिंग कंपनी में रिलायंस इंडस्ट्रीज की हिस्सेदारी घटकर 83.56% रह गई.

पैसे जुटाने की शुरुआत नवंबर 2020 में हुई थी, जब RRVL ने कोविड महामारी के बीच 47,265 करोड़ रुपये जुटाए थे. अब तक इसने निवेशकों से 65,292 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जिनमें से अधिकांश हिस्‍सा, अपनी प्रमुख सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल को दिए हैं.

पिछले 3 साल में तेजी से विस्तार होने से कंपनी के कैश फ्लो पर दबाव पड़ रहा है क्योंकि वर्किंग कैपिटल की जरूरत बढ़ी है और नए कंज्‍यूमर सेक्‍टर्स में एंट्री से कैश की खपत हो रही है.

कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति

रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने मार्च 2024 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में 2.73 लाख करोड़ रुपये की आय के साथ 11,101 करोड़ रुपये के कंसोलिडेटेड प्रॉफिट हासिल किया, जो कि 21% का उछाल है.

  • RRVL ने 18,836 स्टोर तक अपने रिटेल नेटवर्क का विस्तार किया, जिसमें 79.1 मिलियन वर्ग फीट रिटेल स्पेस शामिल है.

  • मुख्य रिटेल फुटप्रिंट रिलायंस रिटेल में है, जो पहुंच, पैमाने और प्रॉफिटैबिलिटी के हिसाब से देश का सबसे बड़ा रिटेलर है.

  • मार्च 2024 के अंत में, रिलायंस रिटेल के कुल 81,060 करोड़ रुपये के कर्ज में से 40,164 करोड़ रुपये इसकी होल्डिंग कंपनी RRVL से एडवांसेज थे, जो पिछले साल 25,325 करोड़ रुपये था.

  • जबकि कैश जेनरेशन की बदौलत रिलायंस रिटेल अपने डेट-इक्विटी रेश्‍यो को 1.9 गुना से कम करने में कामयाब रही है, ये मार्च 2024 के अंत में अभी भी 1.58 गुना है.

RRVL ने पिछले साल 2,486 करोड़ रुपये में मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया (Metro Cash and Carry India Pvt.) का अधिग्रहण किया और अतिरिक्त 817 करोड़ रुपये का निवेश करके कंज्‍यूमर्स प्रोडक्‍ट्स में अपनी पैठ बढ़ाई.

वेयरहाउसिंग इंफ्रा को अलग करने पर विचार

रिलायंस रिटेल वेंचर्स (RRVL) अब अपने वेयरहाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को एक ट्रस्ट में अलग करने पर विचार कर रहा है और भविष्य में किसी समय इसे इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) के रूप में अलग कर सकता है.

पिछले वित्त वर्ष में, इसने अपनी सप्‍लाई चेन और वेयरहाउस इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़ा हिस्सा इंटेलिजेंट सप्लाई चेन इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट और रिलायंस लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउस होल्डिंग्स को ट्रांसफर कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 25 में इसकी बैलेंस शीट से एसेट्स और कॉस्‍ट्स का ट्रांसफर हो जाएगा. इसके बाद दोनों इसकी सहायक कंपनी नहीं रह जाएंगी.

इसने 3,000 करोड़ रुपये तक के मिड-साइज वेयरहाउसिंग एसेट्स को रिलायंस लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउस होल्डिंग्स को ट्रांसफर कर दिया. इसके पास 35 मिलियन वर्ग फीट से ज्‍यादा का वेयरहाउस स्पेस था.

  • तेजी से विस्तार के कारण हाई वर्किंग कैपिटल की जरूरत पड़ी, जिससे कंपनी को शॉर्ट-टर्म डेट मार्केट की जरूरत पड़ी.

  • इस साल मई में, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स ने प्रस्तावित शॉर्ट-टर्म कमर्शियल पेपर के 17,025 करोड़ रुपये को 'CARE A1+' रेटिंग दी.

  • इसने नॉन-कन्‍वर्शिबल डिबेंचर के 15,000 करोड़ रुपये के इश्‍यू को भी 'CARE AAA' रेटिंग दी है, जिसका आउटलुक 'स्थिर' (Stable) है.

  • केयर रेटिंग्स ने कहा कि RRVL के निवेश मिड-टर्म में ऊंचे बने रह सकते हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि नियोजित पूंजी पर अच्छा रिटर्न देने की इसकी क्षमता अहम होगी.

ऐसा भी कर सकती है RIL

सप्‍लाई चेन और वेयरहाउसिंग को अपनी बैलेंस शीट से बाहर करने के साथ, रिलायंस इंडस्‍ट्रीज (RIL) स्‍ट्रक्‍चर को सरल बनाने के लिए RRVL को अपनी सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल के साथ विलय करने पर विचार कर सकता है. बता दें कि RRVL स्‍ट्रक्‍चर में 78 सब्सिडियरी कंपनियां, 16 ज्‍वाइंट वेंचर्स और 10 एसोसिएट्स शामिल हैं.

रिलायंस रिटेल में 4,000 करोड़ रुपये के नॉन-क्‍युुमुलेटिव ऑप्‍चनली कन्‍वर्शिबल प्रेफरेंशियल शेयरों को इक्विटी शेयरों में बदलने के बाद, माइनॉरिटी शेयरहोल्‍डर्स के पास अब केवल 0.04% हिस्सेदारी है. RIL इन माइनॉरिटी शेयरहोल्‍डर्स को और सीमित करने की कोशिश में है.

कंज्‍यूमर फेसिंग बिजनेसेज की लिस्टिंग

अंबानी अगले कुछ वर्षों में अपने दोनों कंज्‍यूमर-फेसिंग बिजनेसेज को लिस्‍ट करने की योजना बना रहे हैं, लेकिन इसका ये मतलब होगा कि इन वेंचर्स मैनेजेबल डेट, ऑपरेशंस बनाए रखने के लिए पर्याप्‍त कैश जेनरेशन और सिंप्‍लीफाइड बिजनेस स्‍ट्रक्‍चर्स की जरूरत होगी.

मार्च 2024 के अंत में रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 3,24,622 करोड़ रुपये (38.9 बिलियन डॉलर) का ग्रॉस डेट था. इसका स्टैंडअलोन ग्रॉस डेट 2,11,790 करोड़ रुपये था.

इसमें रिलायंस रिटेल सहित प्रमुख सहायक कंपनियों में 41,317 करोड़ रुपये, रिलायंस जियो 54,350 करोड़ रुपये, इंडिपेंडेंट मीडिया ट्रस्ट ग्रुप 7,317 करोड़ रुपये और रिलायंस सिबुर इलास्टोमर्स 1,612 करोड़ रुपये थे.

कंसोलिडेटेड बेसिस पर देखें तो RIL पर 73,845 करोड़ रुपये का नेट डेट यानी शुद्ध कर्ज है, जिसमें से इसके रिटेल वेंचर पर मार्च 2024 के अंत में 10,440 करोड़ रुपये का नेट डेट था.

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