दिग्गज उद्योगपति अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता (Vedanta Ltd.) ने 20 दिसंबर को अपनी पहले से प्रस्तावित डीमर्जर योजना में संशोधन की घोषणा की. वेदांता ग्रुप ने वेदांता लिमिटेड (Vedanta Ltd.) के भीतर अपनी बेस मेटल कंपनी को बनाए रखने का फैसला किया है.
यानी डीमर्जर को मंजूरी मिलने के बाद कंपनी प्रस्तावित छह कंपनियों की बजाय अब पांच अलग-अलग लिस्टेड सूचीबद्ध कंपनियों में विभाजित हो जाएगी. ये प्रक्रिया जनवरी 2025 तक पूरी होने की उम्मीद है. कंपनी के शेयरहोल्डर्स को वेदांता (Vedanta Ltd.) में प्रत्येक एक शेयर के बदले नई लिस्टेड पांचों कंपनियों में एक-एक शेयर मिलेगा.
डीमर्जर प्लान में किए गए बदलावों के अनुसार, वेदांता (Vedanta Ltd.) पांच नई फर्म्स में बदल जाएगी.
वेदांता (Vedanta Ltd.): मूल कंपनी में हिंदुस्तान जिंक, जिंक इंटरनेशनल, थूथुकुडी में तांबा बिजनेस और फेकोर बिजनेस शामिल होंगे.
वेदांता एल्युमिनियम मेटल: वेदांता के एल्युमिनियम बिजनेस में झारसुगुड़ा और बाल्को में इसके स्मेल्टर, लांजीगढ़ एल्युमिना रिफाइनरी, सिजिमाली बॉक्साइट खदान के साथ ही कंपनी की कैप्टिव कोयला खदानें और पावर प्लांट शामिल होंगे.
वेदांता ऑयल एंड गैस: माल्को एनर्जी, जिसका नाम बदलकर वेदांता ऑयल एंड गैस कर दिया जाएगा, उसमें कंपनी का केयर्न ऑयल एंड गैस बिजनेस भी शामिल होगा.
वेदांता आयरन एंड स्टील: इस यूनिट में गोवा, कर्नाटक और लाइबेरिया में वेदांत की लौह अयस्क खदानें शामिल होंगी. इसमें झारखंड में ESL स्टील प्लांट भी शामिल होगा.
वेदांता पावर: डीमर्जर के बाद तलवंडी साबो पावर का नाम बदलकर वेदांता पावर कंपनी कर दिया जाएगा. इस यूनिट में वेदांता के स्वामित्व वाले सभी मर्चेंट पावर प्लांट शामिल होंगे.
24 दिसंबर तक, वेदांता लिमिटेड का मार्केट कैप 1.82 लाख करोड़ रुपये है. एमके रिसर्च (Emkay Research) के अनुसार, डीमर्जर के बाद, पांचों कंपनियों का संयुक्त संभावित मार्केट कैप लगभग 2.73 लाख करोड़ रुपये हो सकता है. इससे शेयरहोल्डर्स के लिए महत्वपूर्ण वैल्यू अनलॉकिंग का संकेत मिलता है.
जैसा कि एमके ने बताया है, इस डीमर्जर से निवेशकों को 5 कंपनियों में निवेश करने का मौका मिलेगा. नई लिस्टेड कंपनियों को री-रेटिंग के लिए ये एक मजबूत फैक्टर हो सकता है. इसके अलावा, ये प्लान, निवेशकों को अन्य कमोडिटीज में निवेश किए बिना, इंडिविजुअल कमोडिटीज के आउटलुक के आधार पर फर्म्स में निवेश की सुविधा देता है.
एमके ने ये भी बताया कि वर्तमान वैल्युएशन पर, निवेशक केवल वेदांता (Vedanta Ltd.) और वेदांता एल्युमिनियम के लिए पे कर रहे हैं. अनुमान के अनुसार, डीमर्जर के लिए शेष स्टॉक, काफी हद तक फ्री में ही आ रहे हैं. ब्रोकरेज को उम्मीद है कि डीमर्जर से शेयरहोल्डर्स को 45% अपसाइड की संभावना रहेगी.
वेदांता (Vedanta Ltd.): एमके को उम्मीद है कि कंपनी वित्त वर्ष 24-27 के दौरान 16.5% का EBITDA CAGR दर्ज करेगी.
वेदांता एल्युमीनियम: कंपनी डीमर्ज्ड फ्रेमवर्क में स्पष्ट विजेता के रूप में उभरी है और सकारात्मक मूल्य निर्धारण दृष्टिकोण और फर्म के अपने बैकवर्ड और फॉरवर्ड इंटीग्रेशन को बेहतर बनाने के प्रयास जैसे अनुकूल कारकों से लाभान्वित हुई है. एमके को उम्मीद है कि कंपनी वित्त वर्ष 24-27 के दौरान 35.5% का EBITDA CAGRदर्ज करेगी.
वेदांता ऑयल एंड गैस: एमके रिसर्च के अनुसार, कंपनी को वित्त वर्ष 2026 में 7,430 करोड़ रुपये का EBITDA हासिल करने की उम्मीद है.
वेदांता आयरन एंड स्टील: एमके रिसर्च के अनुसार, कंपनी को वित्त वर्ष 2026 में 3,910 करोड़ रुपये का EBITDA हासिल करने की उम्मीद है.
वेदांता पावर: कंपनी को आने वाले वर्षों में मजबूत इन्वेस्टर इंटरेस्ट और मजबूत पावर डिमांड से लाभ मिलने की संभावना है. वेदांता को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 25-26 तक 2 गीगावाट से अधिक के आगामी थर्मल प्लांट के साथ उसकी पावर कैपिसिटी में बढ़ोतरी होगी. एमके का कहना है कि कंपनी वित्त वर्ष 2026 से पॉजिटिव फ्री कैश फ्लो जेनरेट करना शुरू कर सकती है.