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जेनसोल इंजीनियरिंग में आखिर ये क्या हो रहा है? कर्ज की समस्या, प्रोमोटर की बिकवाली से निवेशकों का भरोसा हिला

कंपनी की कॉरपोरेट गवर्नेंस प्रैक्टिस और लिक्विडिटी को लेकर चिंताएं पैदा हो गईं और 3 मार्च से 5 मार्च के बीच स्टॉक में 69% की गिरावट आई.
NDTV Profit हिंदीMihika Barve
NDTV Profit हिंदी11:31 AM IST, 10 Mar 2025NDTV Profit हिंदी
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जेनसोल इंजीनियरिंग का शेयर एक हफ्ते में 40% तक टूट चुका है, जबकि एक महीने में ये शेयर 56% तक नीचे आ चुका है, जिसकी वजह से इसके मार्केट कैप से 1,600 करोड़ रुपये साफ हो चुके हैं. शेयर में लगातार आ रही ये भारी गिरावट भारतीय बाजार में मची उथल-पुथल से कुछ अलग है. इसकी कई वजहे हैं जो कंपनी के कर्ज रीपेमेंट से जुड़ी हैं, जिसने निवेशकों के भरोसे को हिलाकर रख दिया है.

गिरावट की शुरुआत कैसे हुई

3 मार्च को रेटिंग एजेंसी केयरएज ने जेनसोल इंजीनियरिंग की लॉन्ग और शॉर्ट टर्म की बैंक फैसिलिटीज की रेटिंग घटाकर 'CARE D' कर दी, ये क्रेडिट रेटिंग उन जारीकर्ताओं को दी जाती है, जो डिफॉल्ट कर चुके हैं या डिफॉल्ट करने की कगार पर खड़े हैं. ये CARE रेटिंग स्केल पर दी जाने वाली सबसे निचले स्तर की रेटिंग है. ये डाउनग्रेड टर्म लोन चुकाने में हो रही देरी की वजह से दी गई है.

इसके अगले दिन 4 मार्च को, ICRA रेटिंग्स ने 2,050 करोड़ रुपये की कुल राशि को भी 'डिफॉल्ट' में डाउनग्रेड कर दिया. इसने रही सही कसर भी पूरी कर दी. रेटिंग एजेंसी ने रेटिंग घटाने की वजहों का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा कंपनी की ओर से पेश किए गए झूठे दस्तावेजों की वजह से किया गया है. जिसमें पहले समय पर लोन चुकाने का दावा किया गया था. जबकि कंपनी ने इन झूठे दावों में किसी भी तरह शामिल होने से साफ इनकार किया और मामले की समीक्षा के लिए एक समिति गठित करने की योजना बनाई है.

इससे कंपनी की कॉरपोरेट गवर्नेंस प्रैक्टिस और लिक्विडिटी को लेकर चिंताएं पैदा हो गईं और 3 मार्च से 5 मार्च के बीच स्टॉक में 69% की गिरावट आई.

प्रोमोटर्स ने हिस्सेदारी बेची

जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रोमोटरों ने पिछले महीने कुल 11.15 लाख शेयर बेचे हैं. पिछले वीकेंड में प्रोमोटरों ने कंपनी के 9 लाख शेयर या 2.37% शेयर बेचे हैं. एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, इससे कुल 30 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं, जिसका इस्तेमाल कंपनी में फंड डालने के लिए किया जाएगा. जेनसोल इंजीनियरिंग में मौजूदा प्रोमोटर शेयरहोल्डिंग Q3FY25 के अंत में 62.65% के मुकाबले 59.7% है.

यहां ये भी ध्यान देना जरूरी है कि तीसरी तिमाही तक, प्रोमोटर के 82% शेयर गिरवी रखे गए हैं जिसका मतलब है कि कंपनी के प्रोमोटर अपने शेयरों का इस्तेमाल पैसे उधार लेने के लिए कोलैटरल के रूप में कर रहे हैं. ये भी ध्यान में रखना चाहिए कि अगर प्रोमोटर कर्ज चुकाने में नाकाम रहता है तो बैंक गिरवी रखे गए शेयरों को बेच सकता है, जिससे कंपनी के शेयर की कीमतों पर बुरा असर पड़ सकता है.

प्रोमोटर्स फंड्स कैसे जुटाएंगे

18 जून 2024 को जेनसोल इंजीनियरिंग ने प्रोमोटरों और अन्य निवेशकों को 61.84 लाख वारंट जारी किए थे, जिनमें से प्रोमोटरों ने 15.3 लाख वारंट सब्सक्राइब किए थे. वारंट सब्सक्रिप्शन के मुताबिक, 25% रकम का भुगतान तब किया गया था, जबकि कंपनी का इरादा जल्द ही बाकी 75% राशि जुटाने का है.

404 करोड़ रुपये जो जुटाए जाने हैं, उसमें से 100 करोड़ रुपये प्रोमोटर्स की ओर से लगाए जाएंगे. जबकि बाकी बचे 304 करोड़ रुपये 107 निवेशकों की ओर से लगाए जाएंगे. वारंट सब्सक्रिप्शन 871 रुपये की पूर्व-निर्धारित कीमत पर किया जाएगा, जो अब मौजूदा बाजार मूल्य से 2.7 गुना है. फंड जुटाने के बारे में फैसला लेने के लिए जेनसोल इंजीनियरिंग 13 मार्च को बोर्ड मीटिंग का आयोजन करेगी.

क्या 404 करोड़ रुपये से काम हो जाएगा?

नई प्रेस रिलीज के मुताबिक, जेनसोल इंजीनियरिंग ने वित्त वर्ष 25 में अब तक अपने लोन दायित्वों को 230 करोड़ रुपये तक कम कर दिया है. कंपनी का कुल कर्ज अब 1,146 करोड़ रुपये है, जो पिछले 12 महीनों में 330 करोड़ रुपये के Ebitda स्तर की तुलना में है. कंपनी का लीवरेज 3.5 गुना है. अगर जेनसोल सफलतापूर्वक 400 करोड़ रुपये जुटा लेता है तो ये राशि उसके कुल कर्ज का 35% होगी.

कंपनी ने 5 मार्च को कर्ज में कमी लाने के लिए कई एसेट्स के विनिवेश की घोषण की थी. कंपनी की योजना 315 करोड़ रुपये मूल्य के 2,997 इलेक्ट्रिक वाहन बेचने की है, साथ ही अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली जेनसोल सब्सिडियरी कंपनी को 350 करोड़ रुपये में बेचने की भी है. इन दो विनिवेशों से जेनसोल का कर्ज 655 करोड़ रुपये कम हो जाएगा.

क्या हैं पॉजिटिव ट्रिगर्स

हालांकि वर्तमान में कंपनी की बैलेंस शीट पर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन कुछ पॉजिटिव संकेत भी हैं. जेनसोल इंजीनियरिंग के रेवेन्यू, एबिटा और प्रॉफिट में वित्त वर्ष 25 की 9वीं तिमाही में वार्षिक आधार पर 42%, 89% और 34% की ग्रोथ दर्ज हुई है.

कंपनी की ऑर्डर बुक भी 7,000 करोड़ रुपये की है, जो वित्त वर्ष 26 से आगे की संभावना को दिखाती है. फर्म के EV सेगमेंट ने भी 30,000 वाहनों की प्री-बुकिंग की है, जिसका उत्पादन वित्त वर्ष 26 में होने की उम्मीद है. जेनसोल अगले वित्त वर्ष में दो बैटरी एनर्जी स्टोरेज प्रोजेक्ट को भी चालू करेगी.

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लेखकMihika Barve
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