ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की ऑर्डर बुक FY23 में 0.8 लाख करोड़ रुपये से तीन गुना बढ़कर FY26 में 2.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी.
HAL के पास 10 अरब डॉलर से अधिक की ऑर्डर बुक है, और इसे अब से FY28 तक 60 अरब डॉलर के लड़ाकू विमान ऑर्डर से फायदा हो सकता है. UBS के अनुसार, इसमें से 16 अरब डॉलर को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है और 40 अरब डॉलर से अधिक की राशि अगले 5-7 साल में दी जानी चाहिए.
UBS ने कहा, 'हमारा मानना है कि बीते एक दशक में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स का जैसा प्रदर्शन रहा है, HAL भी उसी राह पर है. इसलिए हमने इसे री-रेट किया है. ब्रोकरेज फर्म ने शेयर का टारगेट प्राइस 3,600 रुपये तय किया है, जिसका मतलब है 23% का अपसाइड रिटर्न'.
UBS ने कहा कि HAL ने हाल ही में अपनी तेजस MK1A लड़ाकू विमान बनाने की क्षमता को हर साल 8 से 16 यूनिट तक किया है और इसे 24 यूनिट तक ले जाने के लिए काम कर रहा है. बेंगलुरु में दो और नासिक में एक नई प्रोडक्शन लाइन के आधार पर FY 2023-32 में 10 स्क्वाड्रन डिलीवर करेगा.
HAL ने स्थानीय रूप से डिजाइन और निर्मित विमानों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपने रोटरी विंग प्लेटफॉर्म की प्रोडक्शन क्षमता को भी बढ़ाया है. ब्रोकरेज ने कहा कि 'हमारा मानना है कि ऑर्डर को तेजी से पूरा करने के लिए कंसेंसस का अनुमान अभी नहीं बना है, HAL का प्रोडक्शन बढ़ाने और मैन्युफैक्चरिंग को सुधारना एक प्लस प्वाइंट है.
सरकार इंपोर्ट पर निर्भरता को कम करने और रक्षा क्षेत्र में घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दे रही है. पिछले दशक में HALके लिए इंपोर्ट में लगातार कमी देखी गई है, जो FY13 में 85% से घटकर अब 77% हो गई है. HAL के बनाए विमान जैसे तेजस Mk1A को भारतीय सेना से मंजूरी भी मिल रही है.
हिंदुस्तान एरोनैटिक्स का शेयर 3.3% चढ़कर 3,000 रुपये पर पहुंच गया. कंपनी का मार्केट कैप पहली बार 2 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया.
स्टॉक पिछले 12 महीनों में 370% से अधिक बढ़ गया है. दिन में अब तक कुल कारोबार की मात्रा 30 दिन के औसत का 3.6 गुना रही है.
ब्लूमबर्ग के डेटा के मुताबिक, कंपनी पर नजर रखने वाले 14 एनालिस्ट्स में से 13 ने 'बाय' रेटिंग बरकरार रखी है और एक ने 'सेल का सुझाव दिया है. शेयर के प्राइस टार्गेट में 8% की गिरावट हो सकती है.