जी-सोनी केस में जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL) के प्रोमोटर पुनीत गोयनका (Punit Goenka) को सिक्योरिटीज एपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) से राहत नहीं मिली है. SAT ने मार्केट रेगुलेटर SEBI के कन्फर्मेटरी ऑर्डर पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया है.
14 अगस्त को SEBI ने पुनीत गोयनका को सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया के साथ विलय की गई एंटिटी में कोई भी प्रमुख पद लेने से रोक दिया था. पुनीत गोयनका ने SAT में इस आदेश को रद्द करने और प्रतिबंध पर अंतरिम रोक लगाने की अपील की थी, लेकिन आज SAT ने आदेश पर स्टे देने से इनकार कर दिया.
SAT ने SEBI को आदेश दिया है कि वो 4 सितंबर तक अपना जवाब दाखिल करे, इस मामले पर अब अंतरिम राहत पर कोई सुनवाई नहीं होगी, सीधे 8 सितंबर को फाइनल ऑर्डर पर सुनवाई होगी.
SEBI ने 14 अगस्त के अपने कन्फर्मेटरी आदेश (Confirmatory Order) में कहा था कि वो फंड डायवर्जन के मामले की जांच 8 महीने के अंदर पूरी करेगा. वो पिता सुभाष चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका की इस मामले में शामिल होने की जांच कर रहा है. पुनीत गोयनका ने SAT में दाखिल अपनी अपील में कहा था कि जांच पूरी होने तक 8 महीने का प्रतिबंध उचित नहीं है.
दरअसल SEBI ने जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और पूर्व MD पुनीत गोयनका पर लिस्टेड कंपनी के फंड्स की हेराफेरी के आरोपों के बाद ये प्रतिबंध लगाया था. ये लोग अगले आदेश तक किसी कंपनी बोर्ड में शामिल नहीं हो सकते.
SEBI ने माना था कि सुभाष चंद्रा ने बैंक के लिए जो 'लेटर ऑफ कंफर्ट' दिया था, वो पर्सनल कैपेसिटी में ना होकर कंपनी के चेयरमैन के तौर पर जारी किया था. इसे SEBI के 'अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस रेगुलेशंस' का उल्लंघन माना गया था. इसी मामले में SEBI जांच कर रहा है, जो 8 महीने के भीतर पूरी होगी.