दिल्ली की विशेष सुनवाई अदालत ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के कार्यकाल में अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन में अनियमितताओं के आरोप में भारती सेल्युलर के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुनील मित्तल, एस्सार समूह के प्रवर्तक रवि रुईया तथा पांच अन्य को आरोपी के रूप में तलब किया है।
अदालत ने मित्तल और रुईया के अलावा हचिसन मैक्स टेलीकाम प्राइवेट लि. के तत्कालीन प्रबंध निदेशक असीम घोष तथा पूर्व दूरसंचार सचिव श्यामल घोष को सम्मन जारी किए हैं। इन सभी को 11 अप्रैल को अदालत में हाजिर होने को कहा गया है।
सीबीआई ने अदालत में दाखिल आरोप पत्र में सिर्फ श्यामल घोष तथा तीन दूरसंचार कंपनियों भारती सेल्युलर लि., हचिसन मैक्स टेलीकाम प्राइवेट लि. (अब वोडाफोन इंडिया लि.) तथा स्टर्लिंग सेल्युलर लि. (अब वोडाफोन मोबाइल सर्विस लि.) का नाम लिया था। सीबीआई के आरोप पत्र में मित्तल, रुईया तथा असीम घोष को नामजद नहीं किया गया था।
विशेष सीबीआई जज ओपी सैनी ने मित्तल, रुईया तथा असीम घोष के खिलाफ सम्मन जारी करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया पता चलता है कि संबंधित कंपनियों का नियंत्रण उनके हाथ में था।
विशेष सीबीआई जज ने कहा, ‘उस समय सुनील मित्तल भारती सेल्युलर लि. के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक थे, असीम घोष हचिसन मैक्स टेलीकाम के प्रबंध निदेशक तथा रवि रुईया स्टर्लिंग सेल्युलर लि. के निदेशक थे तथा वह बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते थे। इससे स्पष्ट होता है कि इन अधिकारियों के पास संबंधित कंपनियों का नियंत्रण था।’