अप्रैल- जून 2021 के बाद एक बार फिर अकाउंट सरप्लस दर्ज दर्ज किया गया है. मर्चेंटाइज व्यापार में कम होते घाटे और बढ़ते सर्विस एक्सपोर्ट्स के चलते ये हासिल हो पाया है. RBI से जारी हुए डेटा के मुताबिक चौथी तिमाही में देश ने $5.7 बिलियन का करेंट अकाउंट सरप्लस दर्ज किया गया है, जबकि इससे पहले के तिमाही यानी Q3 में $8.7 बिलियन का करेंट अकाउंट घाटा था. यही नहीं FY23 की चौथी तिमाही में भी $1.3 बिलियन का करेंट अकाउंट घाटा हुआ था.
RBI के मुताबिक मार्च तिमाही में मर्चेंटाइज व्यापार घाटा सालाना आधार पर $52.6 बिलियन से कम होकर $50.9 बिलियन पर आ गया है.
इस बीच सर्विस एक्सपोर्ट में अच्छी ग्रोथ दर्ज की गई है. कारोबारी साल 2024 की चौथी तिमाही में साफ्टवेयर एक्सपोर्ट, ट्रैवल और बिजनेस सर्विस के एक्सपोर्ट में अच्छी ग्रोथ दर्ज की गई है. चौथी तिमाही में सर्विस सेक्टर का एक्सपोर्ट सालाना आधार पर $39.1 बिलियन से बढ़कर $42.7 बिलियन डॉलर हो गया है. इसके चलते ही चौथी तिमाही में करेंट अकाउंट सरप्लस रहा है.
कारोबारी साल 2024 में भारत का करेंट अकाउंट घाटा सालाना आधार पर $67 बिलियन से घटकर $23.2 बिलियन पर आ गया है, जोकि GDP के 0.7% के बराबर है.