मैन्युफैक्चरिंग PMI के बाद देश की सेवाओं की गतिविधियों में भी धीमापन आ रहा है. जून में सर्विसेज PMI तीन महीने के निचले स्तर पर चली गई है. जून में S&P ग्लोबल इंडिया सर्विसेज PMI बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स 58.5 रहा है, जो कि मई में 61.2 था.
इसके पहले मैन्युफैक्चरिंग PMI के आंकड़े आए थे. जून में मैन्युफैक्चरिंग PMI मई के 58.7 से गिरकर 57.8 रही है. जबकि भारत का कंपोजिट PMI जून में 59.4 पर है, जबकि मई में ये 61.6 पर था.
इस आंकड़े के 50 के ऊपर रहने का मतलब है कि गतिविधियों में विस्तार हो रहा है, 50 के नीचे रहने का मतलब है कि इसमें सिकुड़न आ रही है.
सर्विस प्रोवाइडर्स ने पहली वित्तीय तिमाही के अंत में नए बिजनेस के आने में तेजी देखी. बिक्री में नई तेजी के लिए सर्वे पार्टिसिपेंट्स द्वारा बताई गई वजहों में पॉजिटिव डिमांड ट्रेंड, विज्ञापन और अनुकूल बाजार की स्थितियां शामिल थीं.
इसके अलावा जून के दौरान नए एक्सपोर्ट बिजनेस में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. ये बढ़ोतरी लगातार पांचवीं थी, हालांकि मई के मुकाबले थोड़ी कम जरूर रही है.
जून में सर्विसेज डिमांड में बढ़ोतरी जारी रही, सभी चार निगरानी सब-सेक्टर्स में नए बिजनेस इन-फ्लो में तेजी से ग्रोथ दर्ज की गई. ग्रोथ मोमेंटम में इस तेज बढ़ोतरी ने बिजनेस एक्टिविटी में और तेज उछाल का सपोर्ट किया और रोजगार के आंकड़ों में एक और बढ़ोतरी को भी बढ़ावा दिया, निकट अवधि की विकास संभावनाओं के लिए अच्छा संकेत है.पॉलियाना दि लिमा, इकोनॉमिक्स एसोसिएट्स डायरेक्टर, S&P Global Market Intelligence
जून के आंकड़ों में भारत में सर्विसेज के प्रावधान के लिए ली जाने वाली कीमतों में अच्छी बढ़ोतरी देखी गई. सर्वे में कहा गया है कि महंगाई की दर केवल छह वर्षों में सबसे मजबूत रही है.