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ट्रंप नहीं माने, कहा- भारत पर 'अगले 24 घंटों में' टैरिफ बहुत ज्यादा बढ़ाएंगे

ट्रंप ने कहा कि भारत "सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाला देश" है, और ये भी कहा कि यह देश "एक अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं रहा है."
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी07:31 PM IST, 05 Aug 2025NDTV Profit हिंदी
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अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि भारत पर लगाए गए टैरिफ "अगले 24 घंटों में" काफी बढ़ा दिए जाएंगे. अमेरिकी मीडिया से बात करते हुए उनकी ये टिप्पणी, नई दिल्ली पर रूस-यूक्रेन युद्ध से मुनाफा कमाने का आरोप लगाते हुए उनके तीखे तेवर दिखाने के एक दिन बाद आई है.

ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि भारत "सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाला देश" है, और ये भी कहा कि यह देश "एक अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं रहा है."

एक दिन पहले, उन्होंने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि रूस से कच्चा तेल खरीदने के कारण भारत पर टैरिफ "काफी" बढ़ाए जाएंगे.

ट्रंप ने सोमवार को ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, "भारत न केवल भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि खरीदे गए तेल का एक बड़ा हिस्सा खुले बाजार में भारी मुनाफे पर बेच भी रहा है. उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि रूसी युद्ध मशीन द्वारा यूक्रेन में कितने लोग मारे जा रहे हैं. इसी वजह से, मैं भारत के अमेरिका को दिए जाने वाले टैरिफ में काफी बढ़ोतरी करुंगा"

इस बयान पर भारत की ओर से प्रतिक्रिया आई, जिसमें कहा गया कि यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद, वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए अमेरिका ने ही नई दिल्ली के रूसी तेल आयात को प्रोत्साहित किया था.

विदेश मंत्रालय ने कल रात जारी एक बयान में कहा, "भारत ने रूस से आयात इसलिए शुरू किया क्योंकि संघर्ष छिड़ने के बाद पारंपरिक आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी गई थी. उस समय संयुक्त राज्य अमेरिका ने ग्लोबल एनर्जी मार्केट ॉकी स्थिरता को मज़बूत करने के लिए भारत के इस तरह के आयात को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया था."

विदेश मंत्रालय ने अमेरिका का विरोध करते हुए यह भी कहा कि यूक्रेन युद्ध के दौरान, यूरोपीय संघ के साथ-साथ भारत भी रूस के साथ व्यापार कर रहा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "ये अब साफ हो रहा है कि भारत की आलोचना करने वाले देश खुद रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं. हमारे मामले के विपरीत, ऐसा व्यापार कोई जरूरी राष्ट्रीय बाध्यता भी नहीं है."

मंत्रालय ने बताया कि यूरोप-रूस व्यापार में न केवल ऊर्जा, बल्कि उर्वरक, खनन उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात, मशीनरी और परिवहन उपकरण भी शामिल हैं.

जहां तक अमेरिका की बात है, वो भी अपने परमाणु उद्योग के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, अपने इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए पैलेडियम, उर्वरक और रसायनों का आयात जारी रखे हुए है.

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ट्रंप ने 7 अगस्त से भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, साथ ही रूसी तेल और सैन्य उपकरणों की ख़रीद पर एक अनिर्दिष्ट "अतिरिक्त जुर्माना" भी लगाया था.

भारत ने अभी तक कोई जवाबी टैरिफ नहीं लगाया है. दोनों पक्ष द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। पांचवें दौर की वार्ता पिछले महीने वाशिंगटन में संपन्न हुई थी, और अगले दौर की वार्ता के लिए अमेरिका की एक टीम 25 अगस्त को भारत आने वाली है.

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