क्रूड ऑयल (Crude Oil Prices) के भाव तीन महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गए हैं. कम होती डिमांड के बीच मंगलवार को 4.2% की गिरावट के साथ ग्लोबल बेंचमार्क ब्रेंट 81 डॉलर/बैरल पर आ गया है.
बता दें अमेरिका में गैसोलीन की मांग नीचे जाने के चलते क्रूड ऑयल कीमतों के कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है. अमेरिकी सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, पर कैपिटा आधार पर अमेरिकी गैसोलीन डिमांड अगले साल, 20 साल के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच जाएगी.
इजरायल-हमास जंग के तीन हफ्ते हो चुके हैं, इसके चलते जो उछाल बरकरार रहना था, अब वो भी नजर नहीं आ रहा है और डिमांड आउटलुक भी कमजोर नजर आ रहा है.
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, इस लड़ाई का मिडिल ईस्ट की ऑयल सप्लाई पर अब तक कोई असर नहीं हुआ है, जहां से दुनिया का लगभग एक तिहाई क्रूड सप्लाई होता है.
चीन दुनिया का सबसे बड़ा ऑयल इंपोर्टर है, लेकिन इसकी इकोनॉमी को लेकर अभी चिंताएं जताई जा रही हैं. ऊपर फेड द्वारा ब्याज दरें बढ़ाए जाने की स्थिति पर भी नई शंकाएं ऊपज आई हैं.
लेकिन OPEC+ ने डिमांड को लेकर पॉजिटिव आउटलुक दिखाया है. मंत्री स्तरीय बैठक से पहले OPEC के सेक्रेटरी जनरल हैथम अल-घायस ने लंदन में आरगस यूरोपियन क्रूड कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हम डिमांड को लेकर पॉजिटव हैं.'
सप्लाई की बात करें, तो रशियन शिपमेंट चार महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर चल रहे हैं. जबकि इंडस्ट्री डेटा बताता है कि US क्रूड भंडार बीते हफ्ते ही करीब 12 मिलियन बैरल बढ़ गया है.
कुल-मिलाकर आने वाले हफ्तों में कई नए डेवलपमेंट देखने को मिल सकते हैं.