चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में बढ़कर 3.4 अरब डॉलर रहा है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 0.6 प्रतिशत के बराबर है. इससे पिछले वित्त वर्ष 2015-16 की इसी अवधि में यह 0.3 अरब डॉलर था. इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को आंकड़े जारी किए. हालांकि पिछली तिमाही के आधार पर इसमें गिरावट देखी गई है. वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही में यह आठ अरब डॉलर था. चालू खाते के घाटे से आशय विदेशी मुद्रा की आय और व्यय में अंतर है.
रिजर्व बैंक ने कहा, सालाना आधार पर चालू खाते का घाटा बढ़ना देश के ऊंचे व्यापार घाटे को दिखाता है, जो 29.7 अरब डॉलर रहा है. पूरे वित्त वर्ष 2016-17 के लिए भुगतान संतुलन 21.6 अरब डॉलर रहा, जबकि चौथी तिमाही में यह 7.31 अरब डॉलर रहा है.
वित्त वर्ष 2016-17 के लिए चालू खाते के घाटे में गिरावट आई है, जो जीडीपी का 0.7 प्रतिशत रहा है, जबकि 2015-16 में जीडीपी का 1.1 प्रतिशत था. आलोच्य अवधि में कुल व्यापार घाटा घटकर 112.4 अरब डॉलर रहा है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में 130.1 अरब डॉलर था.
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