महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस, पहली विदेश यात्रा पर स्विट्जरलैंड जा रहे हैं। उनकी मंजिल दावोस है। जहां वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक होने जा रही है। बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री की कोशिश होगी कि वो अपने राज्य की उजली उजली सी तस्वीर पेश करें ताकि विदेशी निवेशक खिंचे चले आए। वैसे ऐसी कोशिशें पिछले मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं। देवेन्द्र फणनवीस के लिए यह यात्रा थोड़ी ज्यादा जिम्मेदारी भरी है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनकी इस विदेश यात्रा में खासी रुचि दिखाई है। मुख्यमंत्री पर दबाव इसी बात से पता चल रहा है कि दावोस जाने से पहले उनके दफ्तर ने आनन-फानन में कई प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी है। कई नियमों में बदलाव की तैयारी कर ली है। अफसर अपने मुख्यमंत्री को अंकगणित का जादू बता रहे हैं। ये समझा रहे हैं कि कैसे महाराष्ट्र देश में निवेश की पहली पसंद है।
देवेन्द्र उस उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं जिसकी अगुवाई वित्तमंत्री अरुण जेटली कर रहे हैं। दावोस में बैठक 21 जनवरी से शुरू हो रही है। इसमें पूरी दुनिया के करीब 2500 कारपोरेट लीडर और राजनेता जुट रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि पूरी निगाहें सिर्फ देवेन्द्र पर ही होंगी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी इस बैठक में अपने राज्य के लिए निवेश आकर्षित करेंगे।
योजना है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री करीब 12 विदेशी कंपनियों से सीधे मुलाकात करेंगे। उन्हें बताएंगे कि राज्य में बेहतर निवेश के लिए वो क्या क्या कर रहे हैं। महाराष्ट्र मैन्युफैक्चरिंग में अपनी जगह मजबूत कर पाए इसलिए जोर मेक इन इंडिया पर है।