ब्रिटेन की कंपनी डियाजियो द्वारा विजय माल्या के नेतृत्व वाली कंपनी यूनाईटेड स्पिरिट्स की 53.4 फीसद हिस्सेदारी 11,166.5 करोड़ रुपये (दो अरब डॉलर) में खरीदना इस साल का अब तक का सबसे बड़ा विलय एवं अधिग्रहण का सौदा हो सकता है।
पिछले दिनों जो सबसे अधिक सौदे हुए हैं जिनमें विदेशी कंपनी या उसकी सहयोगी कंपनियों ने भारतीय इकाइयों की हिस्सेदारी खरीदी है उनमें बीपी द्वारा नौ अरब डॉलर में रिलायंस इंडस्ट्रीज की तेल एवं गैस परिसंपत्तियों का अधिग्रहण और प्रवासी भारतीय अरबपति अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली वेदांत रिसोर्सेज द्वारा आठ अरब डॉलर में केयर्न इंडिया का अधिग्रहण शामिल है।
पिछले कुछ साल में ब्रिटेन की भारतीय कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है क्योंकि इनके अलावा एक प्रमुख अधिग्रहण सौदे में वोडाफोन समूह शामिल रहा है। ब्रिटेन के वोडाफोन ने वोडाफोन एस्सार में एस्सार की हिस्सेदारी पांच अरब डॉलर में खरीदी।