चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने कहा कि दुनिया को वृद्धि के लिए सारी उम्मीद केवल चीन पर ही नहीं लगानी चाहिए। इस तरह से क्विंग ने रेखांकित किया कि उनका देश ब्रेक्जिट के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था की प्रमुख जिम्मेदारियां नहीं उठा सकता।
ली ने आईएमएफ व विश्व बैंक के प्रमुखों सहित छह प्रमुख हस्तियों के साथ अपनी तरह की एक अनूठी 'गोलमेज बैठक' में यह बात कही। उन्होंने कहा, 'चीन अब भी विकासशील देश है। हम वैश्विक अर्थव्यवस्था की प्रमुख जिम्मेदारियां नहीं उठा सकते।'
ली ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था में सुधार की बागडोर मुख्य रूप से चीन को नहीं संभालनी चाहिए, बल्कि अनेक देशों को इसमें योगदान करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'ब्रेक्जिट के परिणामस्वरूप वित्तीय उतार चढ़ावों को देखते हुए चीन अपनी विनिमय दर के लिए बाजार केंद्रित सुधार करेगा। हम किसी तरह के व्यापार युद्ध तथा मुद्रा युद्ध में नहीं शामिल होंगे।'
गौरतलब है कि आईएमएफ ने हाल ही में कहा है कि यूरोपीय संघ से अलग होने के ब्रिटेन के जनमत संग्रह के बाद उपजी अनिश्चितता से अगले साल विश्व अर्थव्यवस्था में नरमी आएगी। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा कि चीन में सुधारों के 'प्रतिबद्ध व निर्णायक' कार्यान्वयन को देखते हुए संस्थान ने 2016 में चीन के लिए अपने वृद्धि दर अनुमान में वृद्धि की है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)