आर्थिक सर्वे 2019-20 नए वित्तीय साल में जीडीपी की विकास दर बढ़कर 6% से 6.5% रहने की उम्मीद जताई गई है. सर्वें में 2019-20 के वित्तीय वर्ष की आख़िरी दो तिमाही में अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की उम्मीद जताई गई है. हालांकि 2019-20 में विकास दर घटकर सिर्फ 5% रहने की उम्मीद है.
बजट से ठीक पहले संसद में पेश इकानामिक सर्वे ने देश की अर्थव्यवस्था की दिशा और दशा पर
कई अहम तथ्य पेश किए. 2019-20 में जीडीपी विकास दर के अनुमान को 7% से घटाकर 5% कर दिया है. अंतरराष्ट्रीय मंदी का अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा, वित्त वर्ष की पहली दो तिमाही में विकास दर गिरी. 2020-21 में जीडीपी विकास दर 6% से 6.5% रहेगी. सुधार प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाना चाहिए.
आर्थिक सर्वें में सरकार को सुझाव दिया गया है कि चुनाव में मिले जनादेश के मद्देनज़र सुधार प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाया जाए. सर्वे में एक नया कान्सेप्ट भी शामिल किया गया है- एक आम आदमी खाने की थाली पर कितना खर्च करता है. इसे थालीनॉमिक्स का नाम दिया गया है.
सर्वे के मुताबिक 2015-16 से 2018-19 के बीच देश में खाने की थाली की औसत कीमत घटी है. शाकाहारी थाली सस्ती होने से एक परिवार को साल में करीब 11,000 रुपये की बचत हुई. जिस परिवार ने दो मांसाहारी थालियों का इस्तेमाल किया उसे साल में 12,000 रुपये तक की बचत हुई. लेकिन दाल-सब्जियां महंगी होने की वजह से 2019-20 से महंगाई की वजह से थाली महंगी हुई है.
अब सबकी निगाहें शनिवार को पेश होने वाले बजट पर हैं. सर्वे ने 2020-2021 में विकास दर 6 से 6.5% रहने की उम्मीद जताई है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार को नए वित्तीय साल में बाज़ार में निवेश भी बढ़ाना होगा, डिमांड में सुधार भी ज़रूरी होगा. देखना होगा कि बजट इस दिशा में क्या रोडमैप पेश करता है.