केंद्र सरकार ने मंगलवार को मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के नए एक्सटर्नल मेंबर्स के नामों की घोषणा कर दी है. दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के डायरेक्टर राम सिंह, ISID के चीफ एग्जीक्यूटिव नागेश कुमार और इकोनॉमिस्ट सौगत भट्टाचार्य को इस पैनल का हिस्सा बनाया गया है. 7 अक्टूबर से शुरू होने वाली तीन दिवसीय मॉनिटिरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की अगली बैठक इन नए एक्सटर्नल मेंबर्स के साथ ही होगी.
नए एक्सटर्नल मेंबर्स MPC के तीन एक्सटर्नल मेंबर्स आशिमा गोयल, शशांक भिड़े और जयंत वर्मा की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 4 अक्टूबर को खत्म हो रहा है. जिस वजह से इन एक्सटर्नल मेंबर्स का अगली पॉलिसी से पहले कमिटी में शामिल होना जरूरी था.
आपको बता दें कि MPC में 6 सदस्य होते हैं, जिसमें RBI के तीन प्रतिनिधि होते हैं, जिसमें रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास, डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा और कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन शामिल हैं साथ ही बाकी तीन सदस्य एक्सटर्नल होते हैं, जिन्हें सरकार नियुक्त करती है, जिनका कार्यकाल 4 साल का होता है.
6 सदस्यों की कमिटी मिलकर ब्याज दरों पर फैसला करती है. मेंबर्स फैसले पर अपना वोट देते हैं, अगर फैसलों को लेकर ऐसी स्थिति बनती है जब वोट बराबर हो तों, रिजर्व बैंक गवर्नर का फैसला अंतिम और मान्य होता है. इसके बाद ही कमिटी के फैसलों को सार्वजनिक किया जाता है. साथ ही ये बताया जाता है कि कितने सदस्य फैसले के पक्ष में थे और कितने इसके खिलाफ थे.
ग्लोबल सेंट्रल बैंक पॉलिसी में आते तेज बदलाव के साथ ही इस नए पैनल को रेट कट पर फैसला लेना है. विशेषज्ञों का मानना है कि नए मेंबर्स को खुद को परिचित करने में कुछ समय लगेगा और ब्याज दरों में कटौती पर फैसला लेने में कुछ और समय लग सकता है.
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ब्याज दरों में कटौती की संभावना पूरी तरह से खारिज नहीं की गई है और अगर महंगाई 4-6% के दायरे में रहती है, तो दिसंबर की पॉलिसी बैठक में फैसला लिया जा सकता है.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास, कैबिनेट सचिव TV सोमनाथन और आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ सिलेक्शन ग्रुप को लीड करते हैं, जो MPC के एक्सटर्नल मेंबर्स का सेलेक्शन करता है. इस फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंजूरी मिल गई है.