ADVERTISEMENT

Davos 2025: भारत को 10 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए बहुत बड़े सुधारों की जरूरत: गीता गोपीनाथ

भारत 6.5% ग्रोथ के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है, इस रफ्तार को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए भारत को पब्लिक इंफ्रा में निवेश जारी रखना होगा
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी05:53 PM IST, 21 Jan 2025NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

IMF यानी इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ ने दावोस में NDTV को बताया कि भारत में ग्रोथ की रफ्तार घटने की वजह चुनाव के चलते सार्वजनिक निवेश में कमी है. उन्होंने कहा कि भारत को ग्रोथ की रफ्तार को बनाए रखने के लिए बड़े सुधार करने होंगे.

गीता गोपीनाथ ने कहा कि हालिया मंदी के बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है, लेकिन 2047 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की डेवलप इकोनॉमी बनने के लिए इसे बहुत बड़े बुनियादी सुधार करने होंगे.

'हमें उम्मीद है कि भारत के सार्वजनिक खर्च और निवेश में फिर से तेजी आएगी और ग्रामीण खपत मजबूत होगी. तेज और टिकाऊ विकास हासिल करने के लिए भारत को पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर अपना ध्यान बनाए रखने की जरूरत है, ये सुनिश्चित करना होगा कि प्रोजेक्ट समय सीमा के अंदर पूरे हों. व्यापार करने में आसानी में सुधार हो और साथ ही कुछ टैक्सेज में कटौती करके इकोनॉमी को ग्लोबल सप्लाई चेन में अधिक मजबूती से जोड़ना होगा.'
गोपीनाथ, डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर, IMF

भारत का 2047 तक 10 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य बहुत 'महत्वाकांक्षी' है, लेकिन ये अभी बहुत दूर का लक्ष्य है, जबकि 'दुनिया स्थिर नहीं है.' उन्होंने जोर देकर कहा, 'इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमने पिछले दशक में जो देखा है, उससे कहीं अधिक बड़े संरचनात्मक सुधारों की जरूरत होगी.'

सरकार के पहले एडवांस अनुमान के अनुसार मौजूदा कारोबारी साल में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.4% की दर से बढ़ेगी, जो चार वर्षों में सबसे धीमी गति है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 5.4% रही है. ये सात तिमाहियों में सबसे धीमी रफ्तार है और इस धीमी ग्रोथ का कारण औद्योगिक क्षेत्र में धीमी बढ़ोतरी है.

ग्लोबल चिंताएं भी बहुत हैं

ग्लोबल विकास पर गोपीनाथ ने कहा कि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच अंतर के बावजूद 3.3% की ग्रोथ अपने आप में उल्लेखनीय. उन्होंने कहा, अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत है, जबकि यूरोप चुनौतियों का सामना कर रहा है और चीन अपने खुद के मुद्दों से जूझ रहा है. चीन को अपने प्रॉपर्टी मार्केट को ट्रैक पर लाने पर ध्यान देना होगा, जिससे घरेलू मांग को बढ़ावा मिलेगा.

गोपीनाथ ने अमेरिका में लगातार ग्रोथ का श्रेय सार्वजनिक खर्च और उत्पादकता में सुधार को दिया है. उन्होंने कहा,'अमेरिकी अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों से मजबूत दिख रही है.' हालांकि ट्रम्प प्रशासन की नई नीतियों का आकलन करने की जरूरत है. लेकिन शेयर बाजार के प्रदर्शन और कैपिटल इनफ्लो में पॉजिटिव सेंटिमेंट दिख रहा है.

उन्होंने कहा कि ग्लोबल स्तर पर बढ़ते जियो-पॉलिटिकल तनाव और व्यापार नीति पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि दुनियाभर संतुलित विकास के लिए इनका काबू में रहना जरूरी है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT