मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Deal) के तहत भारत इस साल के अंत तक ब्रिटेन से कुछ इलेक्ट्रिक वाहनों पर इंपोर्ट टैक्स कम करने पर विचार कर रहा है. मामले से परिचित दो लोगों ने ब्लूमबर्ग को बताया है कि सरकार, ब्रिटेन से सालाना 80,000 डॉलर से अधिक कीमत वाले इंपोर्टेड 2,500 EVs पर 30% की रियायती टैरिफ पर विचार कर रही है.
भारत सरकार, वर्तमान में पूरी तरह से निर्मित इकाइयों के रूप में इंपोर्टेड कारों पर उनके मूल्य के आधार पर 70% से 100% टैक्स लगाती है.
इलेक्ट्रिक वाहनों पर इंपोर्ट रियायतें, मुक्त व्यापार समझौते में ब्रिटेन के प्रतीक्षित मुद्दों में से एक है. ब्लूमबर्ग न्यूज ने पहले बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उनके ब्रिटिश समकक्ष ऋषि सुनक (British PM Rishi Sunak) ने पिछले महीने के अंत तक फ्री ट्रेड डील को अंतिम रूप देने की उम्मीद की थी, लेकिन अब दिसंबर तक इसकी घोषणा होने की संभावना नहीं है.
इस संबंध में केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने सवालों के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया है, जबकि ब्रिटिश व्यापार विभाग के एक प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, क्योंकि बातचीत अभी चल ही रही है.
भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है. यहां मिडिल क्लास और अमीर खरीदारों के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग खूब बढ़ रही है. कारों की ऊंची कीमत, कम ऑप्शंस और चार्जिंग स्टेशनों की कमी के चलते देश में EVs को अपनाने में बाधा आई है.
EV सेगमेंट को लचीला करने से देश में स्वच्छ परिवहन में तेजी आ सकती है और वायु प्रदूषण पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है. ब्लूमबर्ग की रिसर्च विंग BloombergNEF के अनुसार,
पिछले साल देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 49,800 रही, जो कुल बिके 38 लाख पैसेंजर व्हीकल्स का महज 1.3% है.
लागत के प्रति सचेत भारतीय बाजार में देश की सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार, टाटा मोटर्स की Nexon(EV) है, जिसकी कीमत 15 लाख रुपये से कम है.
जर्मन लग्जरी ऑटोमेकर BMQ, मर्सिडीज-बेंज ग्रुप और वोक्सवैगन की ऑडी भारत में 80,000 डॉलर यानी 66 लाख रुपये से ऊपर की इलेक्ट्रिक कारें बेचती हैं.
केंद्र की मोदी सरकार EV के आयात पर सावधानी से काम कर रही है क्योंकि वो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और EVs पार्ट्स के लिए घरेलू मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री बनाना चाहती है. सरकार ने 2021 में घरेलू स्तर पर EV के प्रोडक्शन के लिए 3.1 बिलियन डॉलर के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव प्रोग्राम की घोषणा की है.
जानकारों के अनुसार, EV पर इंपोर्ट ड्यूटी को लेकर भारत की स्थिति पर अंतिम निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है. ब्लूमबर्ग न्यूज ने पहले बताया था कि भारत और ब्रिटेन ने पहले ही ब्रिटिश कारों और स्कॉच व्हिस्की पर टैरिफ कम करने सहित कई मुद्दों पर अपनी स्थिति नरम कर ली है.
दोनों देशों को उम्मीद है कि मुक्त व्यापार समझौते से कम टैरिफ और बाजार पहुंच में बढ़ोतरी के माध्यम से 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना हो जाएगा. ऐसा होता है तो ये दोनों नेताओं (PM मोदी और ऋषि सुनक) के लिए एक राजनीतिक जीत भी होगी. भारत-ब्रिटेन समझौते को ब्रेक्सिट की की-फाइंंडिंग और भारत की मैन्युफैक्चरिंग महत्वाकांक्षाओं को बढ़ावा देने के रूप में देखा जाएगा.
केंद्र सरकार कारों पर कई तरह की इंपोर्ट ड्यूटी लगाती है. विदेशों से बिना असेंबल किए खरीदे गए वाहनों पर टैक्स 15% से 35% तक है