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1 अप्रैल से 'Google टैक्स' खत्म करेगी सरकार, अमेरिका से तालमेल बिठाने को उठाया कदम

इससे पहले, अगस्त 2024 में सरकार ने 2% टैक्स हटा दिया था, जो विदेशी टेक कंपनियों की क्लाउड और ई-कॉमर्स सेवाओं पर लागू होता था.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी11:32 AM IST, 25 Mar 2025NDTV Profit हिंदी
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भारत सरकार 1 अप्रैल 2025 से 6% 'इक्वलाइजेशन लेवी' (Google टैक्स) को हटाने जा रही है. ये टैक्स 2016 में ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं पर लगाया गया था, जो विदेशी डिजिटल कंपनियों द्वारा भारतीय व्यवसायों को दी जाती थीं. सरकार इस बदलाव को वित्त विधेयक 2025 में संशोधन के जरिए करेगी, जिसे इस हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा.

अमेरिका के साथ जारी ट्रेड चर्चाओं के बीच भारत ने ये कदम उठाया है. इससे पहले, अगस्त 2024 में सरकार ने 2% टैक्स हटा दिया था, जो विदेशी टेक कंपनियों की क्लाउड और ई-कॉमर्स सेवाओं पर लागू होता था.

हालांकि, 6% टैक्स अब भी ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं पर बना हुआ था, जो अब 1 अप्रैल 2025 से समाप्त हो जाएगा. ET ने एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि संशोधन के तहत ये टैक्स उन सेवाओं पर लागू नहीं होगा, जिनका भुगतान 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद किया जाएगा.'

US की टैरिफ नीति पर प्रतिक्रिया

ये फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिका भारत समेत कई देशों पर नए टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप 2 अप्रैल से कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लागू कर सकते हैं. इससे पहले, ब्रिटेन भी अपना डिजिटल सर्विस टैक्स (DST) खत्म करने पर विचार कर रहा है.

भारत समेत कई यूरोपीय देशों ने डिजिटल सर्विसेज पर टैक्स इसलिए लगाया था क्योंकि ये कंपनियां पारंपरिक कर प्रणाली को चुनौती दे रही थीं. हालांकि, G20 और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) के बीच इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई और अमेरिका ने जनवरी में अपने समझौतों से हाथ खींच लिया.

डिजिटल कंपनियों को होगा फायदा

इस बदलाव से भारत में डिजिटल विज्ञापन सेवाओं की लागत कम होगी और गूगल, मेटा जैसी कंपनियों को टैक्स में राहत मिलेगी. टैक्स एक्‍सपर्ट्स की मानें तो 'इक्वलाइजेशन लेवी' हटने के बाद विदेशी कंपनियों को भुगतान करने पर कोई अतिरिक्त टैक्‍स छूट नहीं मिलेगी, जिससे कुछ कंपनियों की टैक्‍स देनदारी बढ़ सकती है.

आयकर विभाग इस बात पर काम कर रहा है कि विदेशी कंपनियों के भारत से होने वाले मुनाफे पर किस तरह टैक्स लगाया जाए. इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र में मुकदमों को कम करने के लिए भी संशोधन प्रस्तावित किए जाएंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अमेरिका के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को बेहतर बनाने के लिए ये कदम उठा रहा है.

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