भारत और सिंगापुर के बीच मिनिस्टर-लेवल मीटिंग कई मायनों में महत्वपूर्ण बताई जा रही है. सिंगापुर में हुए भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (ISMR) में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और रेल और IT मंत्री अश्विनी वैष्णव शामिल हुए.
दक्षिणपूर्व एशियाई देश के साथ भारत की इस तरह की दूसरी मीटिंग में 6 महत्वपूर्ण मुद्दों पर आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है. दोनों ओर के नेताओं के बीच इस बात पर विचार किया गया कि डिजिटलाइजेशन, स्किल डेपलपमेंट, सस्टेनेबिलिटी, हेल्थ सर्विस, कनेक्टिविटी और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग में द्विपक्षीय सहयोग को कैसे बढ़ा सकते हैं.
ICMR अपनी तरह का एक अनूठा सिस्टम है, जिसकी स्थापना भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबंधों के लिए नया एजेंडा तय करने के लिहाज से की गई है.
सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन के मुताबिक, एडवांस मैन्युफैक्चरिंग और सेमीकंडक्टर के साथ ही एविएशन और मरीन कनेक्टिविटी ऐसे नए सेक्टर्स हैं, जिन पर द्विपक्षीय सहयोग के लिए चर्चा हुई है.
गौर करने वाली बात है कि ISMR का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले महीने सिंगापुर की संभावित यात्रा से पहले किया गया.
दोनोंं देशों के बीच हुई बातचीत के बाद सिंगापुर के विदेश मंत्री ने कहा कि इस हाई लेवल मीटिंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिंगापुर यात्रा के लिए प्लेटफॉर्म तैयार कर दिया है. ये दूसरी बार है, जब सिंगापुर और भारत के मंत्रियों ने ISMR के लिए मुलाकात की है. इसकी पहली बैठक सितंबर 2022 में नई दिल्ली में हुई थी.
बालकृष्णन ने मंत्रिस्तरीय बैठक को 'सार्थक' बताते हुए कहा कि इसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सिंगापुर की आधिकारिक यात्रा के लिए भी मंच तैयार कर दिया है जो कि जल्द ही होगी.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शणमुगारत्नम और प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग से मुलाकात की और द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की.
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया पोस्ट में ये भी बताया कि नेताओं ने भारत और सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाने की योजनाओं के साथ-साथ आसियान और G20 घटनाक्रमों सहित क्षेत्रीय और वैश्विक सहयोग पर भी चर्चा की.
वित्त मंत्री सीतारमण ने राष्ट्रपति थर्मन की सराहना करते हुए कहा कि वे बहुपक्षवाद (Multilateralism) के प्रबल समर्थक हैं, क्योंकि उन्होंने दूरगामी सुधारों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे सरकारें और संस्थाएं 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो सकती हैं.
जयशंकर ने X पोस्ट में कहा, 'सिंगापुर के राष्ट्रपति थरमन से संयुक्त रूप से मुलाकात कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दीं. भारत-सिंगापुर रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के तरीकों पर उनके मार्गदर्शन की सराहना करता हूं.'
चारों मंत्रियों की प्रधानमंत्री वोंग से मुलाकात को लेकर जयशंकर ने अलग से एक पोस्ट में कहा, 'सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग से मुलाकात करके बहुत खुशी हुई. साथ में निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल और अश्विनी वैष्णव थे. हमने प्रधानमंत्री की ओर से शुभकामनाएं दीं.'
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी X पोस्ट में इस यात्रा को भारत-सिंगापुर साझेदारी को मजबूत करने वाला बताया. उन्होंने प्रतिबद्धता के लिए सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल को भी धन्यवाद दिया, जिसका नेतृत्व सिंगापुर के उप-प्रधानमंत्री और उद्योग मंत्री गान किम योंग कर रहे थे.
सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री डॉ विवियन बालकृष्णन, गृह और कानून मंत्री के षणमुगम, सूचना मंत्री और गृह मामलों के दूसरे मंत्री जोसेफिन टेओ, व्यापार और उद्योग मंत्री डॉ टैन सी लेंग, परिवहन और वित्त मंत्री ची होंग टाट भी शामिल थे.