देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार और बढ़ी है. इस वित्त वर्ष का ये आखिरी महीना चल रहा है, प्रोडक्शन और नए ऑर्डर्स के दम पर फरवरी में भारत का मैन्युफैक्चरिंग PMI बढ़ा है.
HSBC भारत मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) फरवरी में 56.5 से बढ़कर 56.9 हो गया है. ताजा आंकड़े सितंबर बताते हैं कि ये मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सेहत सितंबर 2023 के बाद से सबसे शानदार रही है.
प्रोडक्शन पांच महीनों में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ा, जिससे पिछले सितंबर के बाद से बिक्री में सबसे तेज ग्रोथ हुई और 21 महीनों में नए एक्सपोर्ट ऑर्डर्स में सबसे मजबूत विस्तार हुआ.
इस दौरान इनपुट लागत केवल आंशिक रूप से बढ़ी है, महंगाई की दर अगस्त 2020 तक फैली महंगाई के मौजूदा सीक्वेंस में सबसे कमजोर हो गई है. भारतीय मैन्युफैक्चरर्स की ओर से ली जाने वाली कीमत भी बहुत कम रफ्तार से बढ़ी है, जो मार्च 2023 के बाद से सबसे कमजोर है.
ग्रोथ की रफ्तार बढ़ने के बावजूद, अंतिम वित्तीय तिमाही के दौरान भारत में मैन्युफैक्चरिंग रोजगार में थोड़ा बदलाव आया है. गुड्स प्रोडक्ंशंस ने उल्लेख किया कि पेरोल नंबर मौजूदा जरूरतों के लिए लिए पर्याप्त थीं.