ADVERTISEMENT

इजरायल-हमास युद्ध: भारतीय एक्‍सपोर्टर्स को महंगा पड़ सकता है इंश्‍योरेंस प्रीमियम और शिपिंग लागत

GTRI का कहना है क‍ि भारत के मर्चेंडाइज एक्‍सपोर्ट के लिए रिस्‍क प्रीमियम और शिपिंग कॉस्‍ट में बढ़ोतरी हो सकती है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी12:07 PM IST, 09 Oct 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

इजरायल और हमास के बीच छिड़े युद्ध में अब तक दोनों पक्षों के 1,100 से ज्‍यादा लोगों के मारे जाने की खबर है. वैश्विक बाजारों पर भी इस संघर्ष का असर दिख रहा है.

इस जंग का असर भारतीय एक्सपोर्टर्स पर भी पड़ सकता है, जो इजरायल को माल भेजते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक्सपोर्टर्स को इंश्योरेंस के लिए ज्यादा प्रीमियम चुकाना पड़ सकता है, साथ ही शिपिंग लागत भी बढ़ सकती है.

PTI के मुताबिक शनिवार की सुबह यहूदी अवकाश के दौरान आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर हवा, जमीन और समुद्र के रास्ते कई मोर्चों से अचानक हमला कर दिया, जो कि बीते एक दशक में सबसे बड़ा हमला है.

इजरायल ने युद्ध की घोषणा कर दी है और कहा है कि हमास के मिलिट्री इंफ्रा को ध्‍वस्‍त करने तक युद्ध जारी रहेगा.

ज्‍यादा रिस्‍क प्रीमियम वसूल सकती है EGCC

अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि ये संघर्ष घरेलू एक्‍सपोर्टर्स का मुनाफा कम कर सकता है. हालांकि स्थिति ज्यादा नहीं बिगड़ने तक ट्रेड के साइज पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.

थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) का कहना है क‍ि संघर्ष के चलते भारत के मर्चेंडाइज एक्‍सपोर्ट के लिए इंश्‍योरेंस प्रीमियम और शिपिंग कॉस्‍ट में बढ़ोतरी हो सकती है.

पूर्व में एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के नाम से जानी जाने वाली EGCC, भारतीय कंपनियों से ज्‍यादा 'रिस्‍क प्रीमियम' वसूल सकती है. EGCC का पूर्ण स्‍वामित्‍व केंद्र सरकार के पास है.

मुंबई बेस्‍ड एक्‍सपोर्टर 'टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज इंडिया' के फाउंडर चेयरमैन शरद कुमार सर्राफ ने कहा, 'अगर स्थिति बिगड़ती है, तो उस क्षेत्र के हमारे निर्यातकों के लिए चीजें खराब हो सकती हैं.'

बंदरगाहों का ऑपरेशन बाधित हुआ तो...

GTRI के को-फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि अगर इजरायल के 3 सबसे बड़े बंदरगाहों (Ports) हाइफा, अशदोद और इलियट पर ऑपरेशन बाधित हुआ तो व्यापार गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है. ये बंदरगाह एग्री प्रोडक्‍ट्स, केमिकल्‍स, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और वाहनों के शिपमेंट को मैनेज करते हैं. इजरायल के साथ भारत का मर्चेंडाइज ट्रेड ज्यादातर लाल सागर (Red Sea) पर स्थित इलियट बंदरगाह के माध्यम से होता है.

अजय श्रीवास्तव ने कहा, 'अच्‍छा है कि युद्ध के चलते अब तक बंदरगाह में व्यवधान की कोई रिपोर्ट नहीं है. युद्ध से इस हिस्‍से के प्रभावित होने तक ट्रेड पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. युद्ध लंबा चला और स्थिति ज्‍यादा गंभीर हुई तो ट्रेड पर भी काफी असर पड़ेगा.'

भारत-इजरायल के बीच व्‍यापार

  • गुड्स एंड सर्विस सेक्‍टर्स में भारत-इजरायल का व्यापार 2022-2023 में 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सेवा व्यापार करीब 1.3 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है.

  • 2022-23 के दौरान इजरायल के साथ भारत का मर्चेंडाइज एक्‍सपोर्ट और इंपोर्ट, क्रमशः 8.4 बिलियन डॉलर और 2.3 बिलियन डॉलर था, जिससे मर्चेंडाइज ट्रेड सरप्‍लस 6.1 बिलियन डॉलर का रहा.

  • भारत, इजरायल को मुख्‍यत: डीजल ($5.5 बिलियन) और कटे-पॉलिश्‍ड हीरे ($1.2 बिलियन) का एक्‍सपोर्ट करता है. सर्विस की बात करें तो भारत, इजरायल को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, IT कंसल्टिंग और डेटा प्रोसेसिंग समेत कई IT सेवाएं देता है.

  • वहीं इंपोर्ट की बात करें तो इनमें रफ डायमंड($519 मिलियन), कटे-पॉलिश्‍ड हीरे ($220 मिलियन) के अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकॉम कॉम्‍पोनेंट्स ($411 मिलियन), पोटेशियम क्लोराइड ($105 मिलियन) और हर्बिसाइड यानी खर-पतवार नाशक शाकनाशी ($6 मिलियन) शामिल हैं.

  • दोनों देशों के बीच कृषि, जल प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा में अनुसंधान-विकास में मजबूत साझेदारी है. GRTI के अनुसार, इजरायलियों के लिए भारत एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और इसी तरह भारतीयों के लिए इजरायल भी.

  • मेडिकल इनोवेशन में अग्रणी होने के चलते इजरायल से भारत मेडिकल इक्विपमेंट और टेक्‍नोलॉजी इंपोर्ट करता है. इजरायली कंपनियां भारतीय स्वास्थ्य सेवा स्टार्टअप में निवेश करती हैं.

  • सन फार्मा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, विप्रो, टेक महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक, लार्सन एंड टुब्रो और इंफोसिस जैसी भारतीय कंपनियों की इजरायल में मौजूदगी है.

  • वहीं इजरायली कंपनियों ने भारत में नवीकरणीय ऊर्जा, रियल एस्टेट और जल प्रौद्योगिकियों में निवेश किया है. वे भारत में अनुसंधान एवं विकास केंद्र के साथ-साथ मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट्स भी स्‍थापित कर रही हैं.

  • अप्रैल 2000 से जून 2023 के बीच इजरायल कंपनियों ने भारत में 28.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश (FDI) किया है.

दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते पर भी बातचीत कर रहे हैं.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT