टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव पर सुझाव देने के लिए GST काउंसिल ने मंत्री-समूह (GoM) बनाया है, गोवा में 24 और 25 सितंबर को उसकी दो दिवसीय बैठक होने वाली है. इसमें कम से कम 100 आइटम्स (वस्तु और सेवाओं) पर टैक्स दरों की समीक्षा की उम्मीद है. मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले एक आधिकारिक सूत्र ने NDTV Profit को बताया है कि इन आइटम्स पर लगने वाली टैक्स दरों को सरल किए जाने की उम्मीद है.
बिहार के डिप्टी CM और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय पैनल इस मीटिंग में GST स्लैब और दरों में बदलाव और विशेष रूप से आवश्यक वस्तुओं पर इसके प्रभाव पर चर्चा करने वाला है.
हालांकि, पैनल बाद में और भी मीटिंग्स करेगा और अंतिम निर्णय विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा. पैनल ने 22 अगस्त को बैठक की थी और 9 सितंबर को काउंसिल को स्थिति रिपोर्ट सौंपी थी. इस पैनल में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य सेवा मंत्री गजेंद्र सिंह और केरल के वित्त मंत्री KN बालगोपाल भी शामिल हैं.
GoM की मीटिंग में मौजूदा दरों और स्लैब में फेरबदल, मौजूदा स्लैब को मर्ज करने और इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को सही करने पर नए सिरे से विचार कर सकता है. आधिकारिक सूत्र ने कहा कि GoM, टेक्सटाइल, फर्टिलाइजर, हैंडलूम समेत अन्य स्पेसिफिक सेक्टर में दरों में बदलाव की जांच कर सकता है, जिसकी विस्तृत समीक्षा की जरूरत है.
अगस्त की मीटिंग के दौरान, मंत्रिस्तरीय पैनल ने मोटे तौर पर 4 स्लैब वाले टैक्स स्ट्रक्चर को बनाए रखने पर सहमति जताई थी. हालांकि पैनल ने फिटमेंट पैनल से कुछ वस्तुओं पर रेवेन्यू इंप्लीकेशन की जांच करने और प्रासंगिक डेटा प्राप्त करने के लिए कहा था.
वर्तमान में, GST के तहत 4 स्लैब हैं- 5%, 12%, 18% और 28%. फिटमेंट पैनल (जिसमें केंद्र और राज्यों के राजस्व अधिकारी शामिल हैं) ने मंत्री समूह (GoM) को तीन विकल्प सुझाए हैं, जिन पर पैनल अपनी आगामी बैठक में विचार कर सकता है.
पहले प्रस्ताव के तहत 7%, 14% और 21% के टैक्स स्लैब का सुझाव दिया गया है.
दूसरा प्रस्ताव 8%, 16% और 24% के टैक्स स्लैब का है.
वहीं तीसरा विकल्प 9%, 18% और 27% के टैक्स स्लैब का है.
सूत्रों ने बताया कि राज्य पैनल के समक्ष सभी विकल्प प्रस्तावित किए गए थे, ताकि आम जरूरतों की वस्तुओं की कीमतों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े. GST के तहत, आवश्यक वस्तुओं को या तो पूरी तरह से छूट दी गई है या सबसे कम कर दर के अधीन हैं, जबकि लग्जरी वस्तुओं पर 28% की सबसे ज्यादा स्लैब लागू होती है. इन पर सेस(Cess) भी लगाया जाता है.
विशेष रूप से, इस दौरान गोवा में रियल एस्टेट पर एक और GoM की बैठक होने की भी उम्मीद है. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व में राज्य पैनल 30+ साल के पट्टे पर इंडस्ट्रियल लैंड पर GST छूट देने और सहकारी समितियों पर GST छूट दिए जाने पर विचार कर रहा है.