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विकसित भारत के लिए जरूरी है रेगुलेशन और स्वतंत्रता का संतुलन, CCI की एनुअल मीटिंग में बोलीं वित्त मंत्री

वित्त मंत्री CCI यानी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) की 16वीं वार्षिक बैठक को संबोधित कर रही थीं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी02:28 PM IST, 20 May 2025NDTV Profit हिंदी
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भारत को एक मजबूत, समावेशी और इनोवेशन-आधारित इकोनॉमी बनाने के लिए जरूरी है कि प्रतियोगिता आयोग (CCI) विकास समर्थक सोच और नियामक सतर्कता के बीच सही संतुलन बनाए रखे.

वो CCI यानी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) की 16वीं वार्षिक बैठक को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि CCI को ऐसा माहौल बनाना होगा जिसमें बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा बनी रहे और बेवजह की रोकटोक से भी बचा जा सके.

नए जमाने की तकनीकों से जुड़ी चुनौतियां

वित्त मंत्री ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी नई तकनीकों ने बाजार की पारदर्शिता, डेटा की पहुंच, एल्गोरिदम की निष्पक्षता और प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाने वाले व्यवोार जैसे नए सवाल खड़े किए हैं.

उन्होंने कहा, 'डिजिटल बाजारों में निष्पक्षता की चुनौती तब और बढ़ जाती है जब कुछ प्लेटफॉर्म गेटकीपर की भूमिका निभाने लगते हैं, जिनके पास दूसरों की तुलना में कहीं ज्यादा डेटा और संसाधन होते हैं.'

सीतारमण ने ये भी कहा कि ऐसे डिजिटल बिजनेस मॉडल जो सीमाओं से परे जाकर काम करते हैं, वे वैश्विक सहयोग और तेज गति से बदलते फ्रेमवर्क की मांग करते हैं.

विलय और अधिग्रहण के लिए तेज मंजूरी जरूरी

वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसे विलय और अधिग्रहण (Combinations) जिनसे बाजार में प्रतिस्पर्धा को कोई नुकसान नहीं होता, उन्हें मंजूरी देने की प्रक्रिया सरल और तेज होनी चाहिए.

CCI का मुख्य काम बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और अनुचित व्यापार व्यवहार को रोकना है. किसी भी बड़े विलय या अधिग्रहण के लिए CCI की मंजूरी लेना जरूरी होता है.

इनोवेशन और नियमों का संतुलन जरूरी

सीतारमण ने जोर दिया कि विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने के लिए हमें ऐसे आर्थिक ढांचे की जरूरत है जो इनोवेशन को प्रोत्साहित करे, सभी के लिए समान अवसर दे और समय के साथ बदलते बाजार की जरूरतों को समझे.

इस कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री ने सार्वजनिक खरीद अधिकारियों (Public Procurement Officers) के लिए एक डायग्नोस्टिक टूलकिट और विलय से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (FAQs) का दस्तावेज भी जारी किया.

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