भारतीय रिजर्व बैंक की 4 से 6 दिसंबर तक चली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग के बाद केंद्रीय बैंक ने लगातार 11वीं बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट पिछली 11 पॉलिसीज से 6.5% पर बरकरार है. RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने लिए गए फैसलों के बारे में बताया, जिस पर हमने आपको तमाम अपडेट्स दी. अब RBI गवर्नर की अध्यक्षता वाली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी के अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अहम सवालों के जवाब दिए.
जैसी उम्मीद थी, MPC ने नरम रुख अपनाया
बैंक के CRR में 50 BPS की कटौती से फरवरी में कटौती का रास्ता खुला है
RBI के लिए महंगाई पूर्वानुमान को बढ़ाना और उसी मीटिंग में कटौती करना थोड़ा अजीब होगा
फरवरी में ब्याज दरों में कटौती तभी संभव है, जब
फरवरी तक महंगाई RBI के अनुमानों के अनुरूप रहे
CPI पर RBI आश्वस्त हो कि ये 4% के स्तर पर ही रहे
CPI पर ज्यादा आश्वस्त होने पर RBI, ग्रोथ पर काम करेगा
RBI के GDP पूर्वानुमान 6.6% (अनुमानित 6.4%) में मामूली गिरावट का जोखिम दिख रहा है
CRR में किस्तों में कटौती से सिस्टम में 1.16 लाख करोड़ रुपये की सस्टेनेबल लिक्विडिटी आएगी
BRICS करेंसी के सवाल पर RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा, 'ये एक ऐसा विचार था जिसे सदस्य देशों में से एक देश ने उठाया था. इस पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.'
उन्होंने कहा कि हमने डॉलर को खत्म करने के इरादे से कोई कदम नहीं उठाया है. हमने वोस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति दी है और स्थानीय मुद्रा व्यापार के लिए दो देशों के साथ समझौते किए हैं.
उन्होंने कहा, 'कभी-कभी एक करेंसी पर निर्भरता से समस्याएं हो सकती हैं. भारतीय व्यापार को जोखिम से बचाने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं.'
गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा, 'डी-डॉलराइजेशन की बात अभी तक नहीं की गई है; बल्कि ये अभी एक कहानी की तरह है. उन्होंने कहा, यदि अमेरिका टैरिफ बढ़ाता है, तो ये कोई अलग घटना नहीं होगी. ये कहना मुश्किल है कि अमेरिका की ओर से हाई टैरिफ के जवाब में हमारा एकतरफा कदम क्या होगा.'
इंश्योरेंस की मिस-सेलिंग पर RBI के दिशानिर्देश पहले से ही हैं. इनके उल्लंघन पर हम कार्रवाई करते हैं. वहीं, इंश्योरेंस सेक्टर में बैंकों की हिस्सेदारी और निवेश के सवाल पर RBI की ओर से बताया गया कि इसके लिए एक ड्राफ्ट जारी किया गया है, इस पर फीडबैक का इंतजार कर रहे हैं. इस आधार पर भविष्य के लिए दिशानिर्देश तय किए जाएंगे.
RBI के डिप्टी गवर्नर ने कहा,
दिसंबर के दूसरे हिस्से और जनवरी में लिक्विडिटी की कमी रहेगी
बैंकों की बैलेंस शीट देखकर पॉलिसी या लिक्विडिटी के फैसले नहीं लेते हैं
डॉ माइकल पात्रा ने कहा,
हमारे मन में किसी बात को लेकर चिंता होती है तो हम सरकार को बताते हैं
सरकार के साथ हमारा को-ऑर्डिनेशन था और ये आगे भी जारी रहेगा