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RBI Monetary Policy: UPI से टैक्स पेमेंट की लिमिट अब 5 लाख रुपये हुई, एक बैंक अकाउंट पर 2 UPI भी जल्द

रिजर्व बैंक ने UPI से जुड़े दो अहम फैसले गुरुवार की पॉलिसी में किए हैं. इससे देश के करोड़ों UPI यूजर्स को फायदा मिलेगा.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी12:07 PM IST, 08 Aug 2024NDTV Profit हिंदी
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UPI के जरिए टैक्स पेमेंट की लिमिट अब 5 लाख रुपये हो जाएगी, रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने गुरुवार को मॉनिटरी पॉलिसी के फैसलों का ऐलान करते हुए ये बताया कि अबतक UPI के जरिए टैक्स पेमेंट की लिमिट 1 लाख रुपये है, जिसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव दिया गया है.

UPI से 5 लाख तक टैक्स पेमेंट 

रिजर्व बैंक गवर्नर ने अपने बयान में कहा कि वर्तमान में, UPI के लिए लेनदेन की सीमा 1 लाख रुपये है, पेमेंट की कुछ कैटेगरीज को छोड़कर जिनमें लेनदेन की सीमा ज्यादा है. अब UPI के जरिए टैक्स पेमेंट की सीमा को प्रति लेनदेन 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का फैसला किया गया है. गवर्नर ने कहा कि UPI के जरिए टैक्स पेमेंट इससे और आसान हो जाएगा.

बिना बैंक अकाउंट UPI !

इसके अलावा UPI में "डेलिगेटेड पेमेंट्स" की सुविधा शुरू करने का प्रस्ताव है. इसमें एक व्यक्ति (प्राइमरी यूजर्स) को किसी दूसरे व्यक्ति (सेकेंडरी यूजर्स) को प्राइमरी यूजर्स के बैंक खाते से एक सीमा तक UPI लेनदेन करने की इजाजत देगा, इसमें सेकेंडरी यूजर के लिए UPI से जुड़ा एक अलग बैंक खाता रखने की जरूरत नहीं होगी. इससे डिजिटल पेमेंट की पहुंच और इस्तेमाल और बढ़ेगा.

देश के 42.4 करोड़ लोग UPI का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए डेलिगेट सिस्टम एक गेम चेंजर साबित हो सकता है, क्योंकि वो लोग भी UPI का इस्तेमाल कर सकेंगे, जिनके अभी तक बैंक खाते नहीं है. हालांकि ये कैसे काम करेगा, इसे लेकर अभी दिशा-निर्देश आना बाकी है.

RBI ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव

रिजर्व बैंक ने गुरुवार को जारी अपनी मॉनिटरी पॉलिसी में लगातार 9वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा है. रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि 6, 7 और 8 अगस्त दौरान हुई मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में कमिटी के 6 सदस्यों में से 4 सदस्यों ने पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करने पर अपनी सहमति जताई है. MPC के 6 में से 4 सदस्यों ने विद्ड्रॉल ऑफ एकोमोडेशन के अपने रुख पर कायम रहने के पक्ष में अपना फैसला दिया है.

अपनी पॉलिसी में रिजर्व बैंक गवर्नर ने फूड महंगाई दर पर चिंता जताई है, जिसकी वजह से हेडलाइन महंगाई दर बढ़ी है. अपनी इस पूरी पॉलिसी में उन्होंने ग्लोबल चिंताओं और ग्लोबल सेंट्रल बैंकों के रवैये का भी जिक्र किया, लेकिन भविष्य में रेट कट को लेकर कोई संकेत नहीं दिया.

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