ADVERTISEMENT

RBI Monetary Policy: लगातार 9वीं बार नहीं बदलीं ब्याज दरें, आगे के लिए भी कोई संकेत नहीं

कमिटी के 6 सदस्यों में से 4 सदस्यों ने पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करने पर अपनी सहमति जताई है.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी10:04 AM IST, 08 Aug 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ने लगातार 9वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा है. यानी लोगों को होम लोन, कार लोन समेत बाकी सभी तरह के लोन की EMI में कोई राहत नहीं मिली है.

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि 6, 7 और 8 अगस्त दौरान हुई मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में कमिटी के 6 सदस्यों में से 4 सदस्यों ने पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करने पर अपनी सहमति जताई है. MPC के 6 में से 4 सदस्यों ने विद्ड्रॉल ऑफ एकोमोडेशन के अपने रुख पर कायम रहने के पक्ष में अपना फैसला दिया है.

अपनी पॉलिसी में रिजर्व बैंक गवर्नर ने फूड महंगाई दर पर चिंता जताई है, जिसकी वजह से हेडलाइन महंगाई दर बढ़ी है. अपनी इस पूरी पॉलिसी में उन्होंने ग्लोबल चिंताओं और ग्लोबल सेंट्रल बैंकों के रवैये का भी जिक्र किया, लेकिन भविष्य में रेट कट को लेकर कोई संकेत नहीं दिया.

फूड महंगाई की वजह से बढ़ी महंगाई

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि फूड महंगाई बढ़ने की वजह से रिटेल महंगाई अप्रैल-मई में 4.8% पर रही, जून में बढ़कर 5.1% पर पहुंची, जबकि फ्यूल की महंगाई डिफ्लेशन देखने को मिला. स्थिर शहरी खपत और ग्रामीण खपत में सुधार के कारण घरेलू विकास अच्छी गति पकड़ रहा है.

दास ने कहा कि कृषि गतिविधियों में सुधार से ग्रामीण खपत की संभावनाएं मजबूत हुई हैं. सर्विसेज गतिविधियों में उछाल से शहरी खपत को भी सपोर्ट मिलने की उम्मीद है .

गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि दुनिया भर में ब्याज दरें घटाने की शुरुआत हो रही है, कई कई ग्लोबल सेंट्रल बैंक दरें घटाने की तरफ बढ़ रहे हैं, कुछ देशों के सेंट्रल बैंकों ने इस दौरान दरें बढ़ाईं भी हैं.

FY25 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 7.2%

शक्तिकांता दास ने FY25 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 7.2% रहने का अनुमान बरकरार रखा है. पहली तिमाही के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 7.3% से घटाकर 7.1% कर दिया है, जबकि

Q2 के लिए 7.2%, Q3 के लिए GDP ग्रोथ 7.3% और Q4 के लिए 7.2% GDP ग्रोथ का अनुमान पहले की तरह बरकरार रखा है

FY25 में CPI महंगाई अनुमान 4.5% बरकरार

रिजर्व बैंक गवर्नर ने FY25 के लिए रिटेल महंगाई के अनुमान को 4.5% पर बरकरार रखा है. दूसरी तिमाही में CPI महंगाई दर 4.4% का अनुमान पर रहने का अनुमान जताया है, जबकि

Q3 में 4.7% और Q4 में 4.3% CPI महंगाई का अनुमान जताया है. FY26 की पहली तिमाही में CPI महंगाई 4.4% रहने का अनुमान है

हेडलाइन महंगाई हमारा लक्ष्य

गवर्नर ने कहा कि हेडलाइन और कोर महंगाई के बीच काफी अंतर है, हमारा लक्ष्य हेडलाइन महंगाई है, जहां पर खाद्य महंगाई का वेटेज 46% है, उन्होंने कहा कि खाद्य महंगाई को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं, लोग महंगाई को दूसरे कंपोनेंट के मुकाबले महंगाई को खाद्य महंगाई की नजर से देखते हैं. क्योंकि कोर महंगाई दर गिर गई है, हम न तो संतुष्ट हो सकते हैं और न ही ऐसा होना चाहिए

टॉप अप लोन पर चेतावनी  

रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि बैंक, NBFCs होम लोन पर टॉप-अप लोन की पेशकश कर रहे हैं, टॉप अप लोन के मामले में कुछ संस्थाओं की ओर से कोलैटर वैल्यू के मुताबिक लोन पर रेगुलेटरी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है.

दास ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम ऐसे संभावित जोखिम वाले क्षेत्रों को लेकर संकेत दें. ऐसा करने से लोन फंड्स को गैर-उत्पादक क्षेत्रों या सट्टा उद्देश्यों में लगाया जा सकता है. बैंकों और NBFs को इसकी समीक्षा करनी चाहिए और तुरंत कोई कदम उठाना चाहिए.

डिजिटल लेंडिंग ऐप्स पर चेतावनी

रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि भारत में डिजिटल लोन इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए कई उपाय किए हैं. इस दिशा में एक और उपाय के रूप में और अनऑथराज्ड डिजिटल लेंडिंग ऐप्स (DLA) से पैदा होने वाली समस्याओं के हल के लिए, रिज़र्व बैंक अपनी रेगुलेटरी संस्थाओं की ओर से DLA का एक पब्लिक रिपॉजिटरी बाने का प्रस्ताव करता है.

ये रेगुलेटेड संस्थाएं इस रिपॉजिटी में अपने DLA के बारे में जानकारियां अपडेट करेंगी. इस कदम से कंज्यूमर्स को अन-ऑथराइज्ड लोन देने वाले ऐप्स की पहचान करने में मदद मिलेगी.

UPI से टैक्स पेमेंट की लिमिट बढ़ी

रिजर्व बैंक ने UPI के जरिए टैक्स पेमेंट की लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. रिजर्व बैंक गवर्नर ने अपने बयान में कहा कि वर्तमान में, UPI के लिए लेनदेन की सीमा 1 लाख रुपये है, पेमेंट की कुछ कैटेगरीज को छोड़कर जिनमें लेनदेन की सीमा ज्यादा है. अब UPI के जरिए टैक्स पेमेंट की सीमा को प्रति लेनदेन 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का फैसला किया गया है. गवर्नर ने कहा कि UPI के जरिए टैक्स पेमेंट इससे और आसान हो जाएगा.

इसके अलावा UPI में "डेलिगेटेड पेमेंट्स" की सुविधा शुरू करने का प्रस्ताव है. इसमें एक व्यक्ति (प्राइमरी यूजर्स) को किसी दूसरे व्यक्ति (सेकेंडरी यूजर्स) को प्राइमरी यूजर्स के बैंक खाते से एक सीमा तक UPI लेनदेन करने की इजाजत देगा, इसमें सेकेंडरी यूजर के लिए UPI से जुड़ा एक अलग बैंक खाता रखने की जरूरत नहीं होगी. इससे डिजिटल पेमेंट की पहुंच और इस्तेमाल और बढ़ेगा.

कुछ घंटों में क्लियर होंगे चेक

मौजूदा सिस्टम में चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के जरिए चेक क्लियरिंग एक बैच प्रोसेसिंग मोड में संचालित होता है और इसमें दो कामकाजी दिनों तक का क्लियरिंग साइकिल होता है. CTS में 'ऑन-रियलाइजेशन-सेटलमेंट' के साथ लगातार क्लियरिंग शुरू करके क्लियरिंग साइकल को कम करने का प्रस्ताव है. यानी चेक देने के दिन कुछ ही घंटों के भीतर चेक क्लियर हो जाएंगे.इसमें चेक पेयर और पेयी दोनों का फायदा है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT