Indian Trade Data: आर्थिक मोर्चे पर देश के लिए बुरी खबर है. मई में देश का मर्चेंडाइज ट्रेड डेफिसिट बढ़कर 23.78 बिलियन डॉलर हो गया है. जबकि अप्रैल में ये 19.1 बिलियन डॉलर था.
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय (Commerce Ministry) की ओर से शुक्रवार को जारी व्यापार आंकड़े (Trade Data) के मुताबिक, मई में मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 9.1% बढ़कर 38.13 बिलियन डॉलर रहा है, जबकि इंपोर्ट में 7% का बड़ा उछाल देखने को मिला है और ये 61.91 बिलियन डॉलर रहा है.
मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट
मई 2024 में $38.13 बिलियन हो गया.
मई 2023 में ये आंकड़ा 34.95 बिलियन था.
(अप्रैल 2024 में $34.99 बिलियन था)
मर्चेंडाइज इंपोर्ट
मई 2024 में $61.91 बिलियन हो गया.
मई 2023 में ये आंकड़ा $57.48 बिलियन था.
(अप्रैल 2024 में $54.09 बिलियन था)
सर्विसेज एक्सपोर्ट
मई 2024 में $30.16 बिलियन हो गया.
मई 2023 में ये आंकड़ा $26.99 डॉलर था.
(अप्रैल में $29.57 बिलियन था)
सर्विसेज इंपोर्ट
मई 2024 में $17.28 बिलियन हो गया.
मई 2023 में ये आंकड़ा $15.88 डॉलर था.
(अप्रैल में $16.97 बिलियन था)
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल (Sunil Barthwal) ने कहा कि मई में हमारे कुल निर्यात में दोहरे अंकों की बढ़ोतरी हुई है. वाणिज्य सचिव ने कहा, एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी एक संकेत है कि एडवांस इकोनॉमी वाले देशों में महंगाई कम हुई है. उन्होंने कहा कि उन देशों में महंगाई का प्रेशर कम होने के साथ ही कंज्यूमर्स की परचेजिंग पावर भी बढ़ी है, जो उनके यहां इंपोर्ट को बढ़ावा देगी. ये हमारे लिए पॉजिटिव साइन है, जो आगे भी जारी रहने की उम्मीद है.
जब एक निश्चित अवधि के दौरान देश का इंपोर्ट, एक्सपोर्ट से ज्यादा हो जाता है, तो वो ट्रेड डेफिसिट या व्यापार घाटे की कैटेगरी में आता है. इसे निगेटिव बैलेंस ऑफ ट्रेड भी कहते हैं. दूसरे शब्दों में, जब कोई देश बेचने से ज्यादा खरीदता है, तो उसमें ट्रेड डेफिसिट होता है.