वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज बताया कि आर्थिक वृद्धि तेज करने के लिए और उपायों की जरूरत है और सरकार इस दिशा में आवश्यक कदम उठा रही है।
आर्थिक मामलों के सचिव अरविन्द मायाराम ने कहा, विश्व अर्थव्यवस्था में मंदी का भारत पर असर पड़ा है। सरकार ने वृद्धि तेज करने के लिए कई उपाय किए हैं, पर हम स्वीकार करते हैं कि इस दिशा में और प्रयासों की आवश्यकता है। मायाराम कट्स इंटरनेशनल की ओर से यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
वित्तवर्ष 2012-13 में देश की आर्थिक वृद्धि दर गिरकर दशक के निम्न स्तर पांच फीसदी रह गई थी। वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने पिछले सप्ताह कहा था कि चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर पांच से साढ़े पांच फीसदी के बीच रहेगी। 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट से पहले सालाना वृद्धि दर 9 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई थी, लेकिन 2008-09 में यह वैश्विक कारकों के प्रभाव में 6.7 प्रतिशत पर आ गई और पिछले वित्तवर्ष में 5 प्रतिशत थी, जो एक दशक का न्यूनतम स्तर है।
मायाराम ने कहा कि बिजली, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और रेलवे क्षेत्र में मुश्किलें बरकरार हैं और प्रकट रूप से इन क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा क्षमता बाधित है।