अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट जारी है. कच्चे तेल की कीमत में नरमी से देशभर के लोगों के बीच ईंधन के मौजूदा कीमतों में गिरावट की उम्मीद है. हालांकि, इस संबंध में सरकार की ओर से अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर हैं. महाराष्ट्र के अलावा बाकी सभी राज्यों में बीते तीन महीने से दामों में कोई खास बदलाव नहीं किया गया है.
इंडियन ऑयल कार्पोरेशन ने सोमवार के लिए ईंधन के कीमत जारी कर दिए हैं. नए रेट्स में कोई बदलाव नहीं है. पुराने कीमतों पर ही आज भी बिक्री होगी. मालूम हो कि जुलाई की शुरुआत में महाराष्ट्र में सत्ता पलट के बाद शिंदे सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 3 रुपये घटाकर राज्य के लोगों को राहत दी थी. इससे पहले केंद्र ने लोगों को इस और राहत देने की पहल की थी और 22 मई को ईंधन पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी. सरकार के इस कदम के बाद पेट्रोल 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये सस्ता हो गया था.
आपके शहर में तेल की कीमत :
शहर | पेट्रोल | डीज़ल |
---|---|---|
दिल्ली | 96.72 | 89.62 |
कोलकाता | 106.03 | 92.76 |
मुंबई | 106.35 | 94.28 |
चेन्नई | 102.63 | 94.24 |
नोएडा | 96.79 | 89.96 |
लखनऊ | 96.79 | 89.76 |
पटना | 107.24 | 94.04 |
जयपुर | 108.48 | 93.72 |
स्रोत : इंडियन ऑयल |
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें छह महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं. अधिकारियों ने बताया कि इस वजह से भारतीय खुदरा ईंधन विक्रेताओं को पेट्रोल की बिक्री पर घाटा नहीं हो रहा है, लेकिन डीजल की बिक्री पर नुकसान जारी है. डीजल देश में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला ईंधन है. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड गुरुवार को 94.91 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था. वैश्विक मंदी की चिंताओं के कारण कच्चा तेल बीते दिन छह महीने के निचले स्तर 91.51 डॉलर पर आ गया है.
कच्चे तेल का मौजूदा भाव भारत के लिए राहत की बात है, क्योंकि देश अपनी 85 प्रतिशत तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है. मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने कहा कि कीमतों में गिरावट से इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन जैसे खुदरा ईंधन विक्रेता को अब पेट्रोल पर कोई नुकसान नहीं हो रहा है, लेकिन डीजल पर कुछ घाटा अभी भी जारी है.
सरकारी तेल कंपनियों आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने पेट्रोल और डीजल के खुदरा बिक्री मूल्य को अंतरराष्ट्रीय कीमत के अनुसार नहीं बढ़ाया है. इन कंपनियों ने महंगाई पर काबू पाने के सरकार के प्रयासों का सर्मथनइ करने के लिए ऐसा किया है. अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में बढ़ोतरी के कारण इन कंपनियों को एक समय डीजल पर प्रति लीटर 20 से 25 रुपये और पेट्रोल पर 14 से 18 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा था.
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पेट्रोल पर अभी कोई नुकसान नहीं हो रहा है. डीजल को इस स्थिति तक पहुंचने में कुछ समय लगेगा.'' एक अन्य अधिकारी ने कहा कि तेल की खुदरा कीमतों में तत्काल कमी की संभावना नहीं है, क्योंकि तेल कंपनियां बीते महीनों के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करेंगी. उन्होंने बताया कि डीजल पर नुकसान अब घटकर चार से पांच रुपये प्रति लीटर रह गया है.
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