वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने अगले वित्तवर्ष में पांच लाख रुपये तक की कुल आय वाले करदाता को दो हजार रुपये की कर छूट देने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से 1.8 करोड़ करदाताओं को 3,600 करोड़ रुपये का लाभ होगा।
हालांकि उन्होंने कर के मौजूदा स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्लैब पिछले साल ही शुरू किए गए थे, इसलिए इनकी दरों में संशोधन की जरूरत नहीं है।
चिदंबरम ने सालाना एक करोड़ रुपये से अधिक की कर योग्य आय पर 10 प्रतिशत अधिभार लगाने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि यह अधिभार व्यक्तिगत कर दाता, हिन्दू अविभक्त परिवारों तथा समान कर स्थिति वाली फर्मों व संगठनों पर लागू होगा। उन्होंने कहा कि देश में सिर्फ 42,800 व्यक्ति ऐसे हैं, जिन्होंने स्वीकार किया है कि उनकी सालाना कर योग्य आय एक करोड़ रुपये से अधिक है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि अतिरिक्त अधिभार केवल एक साल यानी वित्तवर्ष 2013-14 के लिए होंगे।
इसके अलावा चिदंबरम ने सालाना 10 करोड़ रुपये से अधिक कर योग्य आय वाली घरेलू कंपनियों पर अधिभार को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि निगम कर की उच्चतर दर अदा करने वाली विदेशी विदेशी कंपनियों की स्थिति में यह अधिभार दो प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। चिदंबरम ने लाभांश वितरण कर अथवा संवितरित आय पर कर जैसे सभी अन्य मामलों में मौजूदा अधिभार को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है।
वित्तमंत्री ने बजट में उत्पाद एवं सेवाकर की दरों को 12 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। गैर-कृषि उत्पादों के आयात पर आयात शुल्क की शीर्ष दर को भी 10 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया। वित्तमंत्री के प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों से सरकारी खजाने में 13,300 करोड़ रुपये की प्राप्ति होगी, जबकि अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में किए गए नए प्रस्तावों से 4,700 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा।
वैश्विक और घरेलू क्षेत्र में छाई सुस्ती से जूझ रहे वित्तमंत्री ने कंपनियों के लाभांश वितरण कर और वितरित आय पर लगने वाले कर के मामले में भी अधिभार को पांच से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने की घोषणा की। वित्तमंत्री ने कहा, तंगी वाली अर्थव्यवस्था में, अतिरिक्त कर जुटाने अथवा कर बढ़ाने की गुंजाइश कम होती है। इसी तरह कर राजस्व अथवा दायरे में आए कर आधार को छोड़ने की भी ज्यादा गुंजाइश नहीं रहती। इस लिहाज से यह समय सूझबूझ, संयम और धैर्य बनाए रखने का है।
उन्होंने कहा कि अमीरों पर लगने वाले अधिभार और घरेलू और विदेशी कंपनियों पर बढ़ाया गया अतिरिक्त अधिभार केवल एक साल (2013-14) के लिए अमल में रहेगा। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि हर प्रभावशील करदाता में थोड़ी बहुत अजीम प्रेमजी की तरह जोश होगा और मुझे पूरा विश्वास है कि अधिक समृद्ध लोग सिर्फ एक साल के लिए इस हल्के बोझ को खुशी-खुशी वहन करेंगे।
चिदंबरम ने कहा कि 25 लाख रुपये के आवास ऋण पर पहली बार घर खरीदने वालों को कर छूट मिलेगी। वित्तमंत्री ने कहा कि ऐसे खरीदारों को 2014-15 में एक लाख रुपये तक के ब्याज की अतिरिक्त कटौती की सुविधा भी प्रदान की जाएगी और यदि यह सीमा इस वर्ष समाप्त नहीं होती है, तो शेष राशि का दावा 2015-16 में किया जा सकेगा।
वित्तमंत्री ने भारत में सरकारी क्षेत्र में पहला महिला बैंक स्थापित करने की भी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक पूंजी के रूप में इस बैंक पर 1,000 करोड़ रुपये की आरंभिक पूंजी का प्रावधान किया जाएगा। चिदंबरम ने कहा कि पूंजी निर्माण के लिए बैंकों को 2013-14 में 14 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सभी शाखाओं में 31 मार्च, 2014 तक एटीएम सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
वित्तमंत्री चिदंबरम ने कहा कि चालू वित्त वर्ष (2012-13) में राजकोषीय घाटा अनुमानत: सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.2 फीसदी रहेगा, जो 5.3 प्रतिशत के लक्ष्य से कम है। वित्तमंत्री ने लोकसभा में 2013-14 का बजट पेश करते हुए कहा, चालू वित्तवर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.2 प्रतिशत रहेगा। 2013-14 में मैं इसे 4.8 प्रतिशत पर लाने का प्रस्ताव करता हूं। इसके अलावा राजस्व घाटा चालू वित्तवर्ष में 3.9 प्रतिशत पर रहेगा, जिसे अगले वित्तवर्ष में घटाकर 3.3 फीसदी पर लाया जाएगा।
वित्तमंत्री ने 50 लाख रुपये से अधिक की अचल संपत्तियों के हस्तांतरण मूल्य पर एक प्रतिशत की दर से स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) का प्रस्ताव किया है। यह प्रस्ताव कृषि भूमि पर लागू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आमतौर पर अचल संपत्तियों से होने वाले लेनदेन का मूल्यांकन और रिपोर्टिंग कम की जाती है। आधे मामलों में तो संबंधित पक्षों के पैन नंबर भी नहीं दिए जाते। वित्तमंत्री ने कहा कि इसी के मद्देनजर इस तरह के हस्तांतरण पर टीडीएस का प्रस्ताव किया गया है।
चिदंबरम ने बताया कि कृषि ऋण उत्पादन की प्रमुख शक्ति है, इसलिए उन्होंने वर्ष 2012-13 के लिए निर्धारित 5,75,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को बढ़ाकर सात लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने बताया कि लघु अवधि के लिए फसली ऋणों के लिए ब्याज माफी योजना जारी रहेगी। समय पर ऋणों का भुगतान करने वाले किसानों को प्रति वर्ष सात प्रतिशत की दर से ऋण प्रदान किए जाएंगे। अभी तक यह योजना सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको तथा सहकारी बैंकों द्वारा दिए गए ऋणों पर लागू है। उन्होंने निजी क्षेत्र के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दिए गए फसल ऋणों के लिए भी इस फायदे को देने का प्रस्ताव किया है।
दिल्ली में चलती बस में पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और बाद में उसकी मौत तथा इससे देश भर में उपजे जनाक्रोश के परिप्रेक्ष्य में सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये के अंशदान से 'निर्भया निधि' बनाने का प्रस्ताव किया है। वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने लोकसभा में 2013-14 का आम बजट पेश करते हुए कहा, महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। हम लड़कियों और महिलाओं को सशक्त और सुरक्षित बनाने के लिए हरसंभव कार्य कर रहे हैं। इसके लिए 1000 करोड रुपये के सरकारी अंशदान से 'निर्भया निधि' बनाए जाने का प्रस्ताव है।
चिदंबरम ने अपने भाषण की शुरुआत में सभी राजनीतिक दलों और संबद्ध पक्षों से देश की अर्थव्यवस्था को मौजूदा संकट से बाहर निकालने में सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षो में आर्थिक विकास की दर आठ-नौ प्रतिशत रही थी, जिसे फिर से हासिल करना मुख्य चुनौती है। उन्होंने कहा, हमने ऐसा पहले किया है और हम ऐसा फिर कर सकते हैं। अंतिम परिणाम जो भी हो, विकास उम्मीदों से कम है। लेकिन इसे लेकर निराश होने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा, चालू खाता घाटा के वित्तीयन के लिए देश को 75 अरब डॉलर की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विशाल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करके ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा, देश के पास विदेशी निवेश का स्वागत करने या प्रोत्साहित करने का विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि बिना लेखा टिप्पणी की चिंता किए परियोजनाओं को तेरी से निस्तारित किया जाएगा और भारत में कारोबार करना एक आसान और पारस्परिक लाभ के विषय के रूप में देखा जाएगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि 2013-14 में योजनागत व्यय के रूप में 16.65 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जो वर्तमान कारोबारी साल के परिव्यय से 30 फीसदी अधिक है। आगामी चुनाव को देखते हुए वित्तमंत्री ने महिला विकास, स्वास्थ्य, अनुसूचित जाति कल्याण, कृषि ऋण, कुपोषण, ग्रामीण रोजगार योजना, जल और शहरी विकास जैसे क्षेत्रों के लिए परिव्यय में भी काफी वृद्धि की है।
चिदंबरम के बजट भाषण की मुख्य झलकियां...