मौसमी मांग के बीच मजबूत वैश्विक संकेतों के कारण स्टॉकिस्टों की आक्रामक लिवाली से सोने की कीमत शनिवार को 32,450 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वोच्च ऊंचाई को छू गया।
अमेरिका के कम रोजगार आंकड़े की सरकारी खबर के बाद अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा वैश्विक विकास के लिए अधिक उत्प्रेरक उपाय किए जाने के अनुमानों को बल मिला, जिससे सोने का भाव विदेशी बाजारों में छह माह के उच्चतम स्तर को छू गया। यह स्तर पहले देखने को नहीं मिला था।
न्यूयॉर्क में सोने की कीमत 34 डॉलर की तेजी के साथ 1,735.30 डॉलर प्रति औंस हो गई, जो 29 फरवरी के बाद सर्वाधिक लाभ की स्थिति को दर्शाता है। इसके अलावा आगामी शादी-विवाह के मौसम में स्टॉकिस्टों की सतत लिवाली तथा तत्काल लाभ कमाने के मकसद से धन निवेश किए जाने से भी तेजी के रुख को बल मिला।
मजबूती के आम रुख के अनुरूप औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की उठान बढ़ने से चांदी की कीमत 2,100 रुपये की तेजी के साथ 61,800 रुपये प्रति किग्रा हो गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के महासचिव सुरेन्द्र जैन ने कहा, सोने की कीमत मजबूत होते वैश्विक रुख से संबद्ध है तथा नवरात्र और दीवाली जैसे आगामी त्योहारों को देखते हुए आगे आने वाले दिनों में कीमत और ऊंचाई पर जा सकती है।
जैन ने कहा कि वैश्विक तेजी ऐसे समय में आ रही है, जब बाजार पहले से ही स्टॉकिस्टों के कब्जे में है तथा कमजोर रुपया सोने के आयात को और महंगा बना रहा है। घरेलू मोर्चे पर 99.9 और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 540-540 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 32,450 रुपये और 32,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
गिन्नी के भाव भी 200 रुपये की तेजी के साथ 25,300 रुपये प्रति आठ ग्राम हो गए। चांदी तैयार के भाव 2,100 रुपये की आकर्षक तेजी के साथ 61,800 रुपये प्रति किग्रा तथा साप्ताहिक डिलीवरी के भाव 2,225 रुपये की तेजी के साथ 63,995 रुपये प्रति किग्रा हो गए। चांदी सिक्कों के भाव 4,000 रुपये की तेजी के साथ लिवाल 77,000 रुपये और बिकवाल 78,000 रुपये प्रति सैकड़ा हो गए।