एक विदेशी अदालत के फैसले को ध्यान में रखते हुए सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज , शेल व ओएनजीसी से 3.8 अरब डालर की अपनी मांग दोहराई है. रिलांयस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने शेयर बाजारों को सूचित किया है कि सरकार ने मई 2017 में पश्चिम अपतटीय क्षेत्र से अपने हिस्से के रूप में 3.8 अरब डालर मांगे थे. सरकार ने अपनी इस मांग को ‘हाल ही में ’ दोहराया है.
यह मामला पन्ना - मुक्ता व ताप्ती क्षेत्र में सरकार की हिस्सेदारी से जुड़ा है. उक्त देनदारी इस क्षेत्र में हिस्सेदारी के हिसाब से इन तीनों कंपनियों में बंटेगी. इसमें ओएनजीसी की 40% जबकि आरआईएल व शेल की 30-30% हिस्सेदारी है.
इस मामले में इंग्लिश कमर्शियल कोर्ट का फैसला दो मई 2018 को आया है. इसमें ब्यौरा तो नहीं दिया गया है लेकिन यह मांग पन्ना - मुक्ता व ताप्ती तेल व गैस क्षेत्र के लिए अनुबंध की व्याख्या से जुड़ा है.
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