सरकार ने रबी मौसम की फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहन देते हुए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) आज 50 रुपये बढ़ाकर 1,400 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया।
गेहूं का एमएसपी सरकार की सलाहकार संस्था कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के अनुरूप तय किया गया है। हालांकि, यह दाम कृषि मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित मूल्य से कम है।
केन्द्रीय खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने कहा, वर्ष 2013-14 फसल वर्ष के लिए गेहूं का एमएसपी 50 रुपये क्विंटल बढ़ाकर 1,400 रुपये क्विंटल कर दिया गया है। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में वर्ष 2013-14 फसल वर्ष (जुलाई से जून) की रबी मौसम की अन्य फसलों के लिए भी एमएसपी को मंजूरी दी है।
कृषि मंत्रालय ने इससे पहले गेहूं का एमएसपी 100 रुपये बढ़ाकर 1,450 रुपये क्विंटल करने का प्रस्ताव किया था। मंत्रालय के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल द्वारा खारिज कर दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर थॉमस ने कहा, हम ऊंची महंगाई को लेकर चिंतित हैं, इसलिये हम उन खाद्यान्नों के दाम नियंत्रित कर सकते हैं, जिनकी हम खरीदारी करते हैं।
गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में अधिक वृद्धि से सरकार का खाद्य सब्सिडी बिल बढ़ने की भी आशंका है। इसका असर अगले वित्त वर्ष में सरकार के बजट में दिखाई देगा। इसके साथ ही मुद्रास्फीति पर भी इसका असर पड़ सकता है।
सरकार रबी मौसम विपणन अवधि (अप्रैल से जून) के दौरान एमएसपी पर किसानों से गेहूं की खरीदारी करती है। रबी मौसम के दौरान होने वाली गेहूं मुख्य फसल है। गेहूं की बुवाई अक्तूबर में शुरू होती है और अप्रैल के बाद फसल की कटाई होने लगती है।