कोरियाई कंपनी ह्यूंडई अब पूरी तरह भारत में विकसित कारों की योजना बना रही है। उसके लिए चीन के बाद यह दूसरा बड़ा बाजार है और वह इसकी ताकत का पूरा इस्तेमाल करना चाह रही है।
ह्यूंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के मुख्य समन्वयक शार रख हान ने कहा, हां, हम ऐसी कार बनाना चाहते हैं, जो पूरी तरह भारत में ही विकसित होगी, पर यह तीन या चार साल का काम नहीं है। इसमें कम से कम पांच साल या उससे भी ज्यादा वक्त लग सकता है।
कंपनी अगले महीने अपनी एक नई छोटी कार ग्रांड आई-10 पेश करने वाली है। ग्रांड आई-10 कंपनी की पहले से पेश आई-20 और आई-10 के बीच की कार होगी। इसके विकास में भारतीय अभियंताओं ने कुछ खास सुझाव दिए हैं। इसमें स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार पीछे की तरफ भी एसी की खिड़की दी गई है और पीछे के शीशे का डिजाइन आदि भी बदला गया है। ग्रांड आई-10 में दो तरह के संस्करण होंगे।
भारत में ही कार विकसित करने की जरूरत के संबंध में हान ने कहा, अभी तक ह्यूंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के अभियंता ह्यूंडई मोटर कॉरपोरेशन के वैश्विक विकास कार्य में केवल सहायक की भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन आगे एचएमआईएल को न केवल भारत में अपनी स्थिति मजबूत करनी होगी, बल्कि उन्हें ऐसे दूसरे बाजारों की जरूरत पूरा करने के लिए भी समर्थ होना पड़ेगा। ऐसे में भारत में ही कारों का विकास करने की क्षमता हासिल करना महत्वपूर्ण है।
हान ने कहा कि यह काम जल्दी का नहीं है। इसमें वक्त लगेगा। उन्होंने कहा कि हैदराबाद में स्थापित अनुसंधान एवं विकास केंद्र दक्षिण कोरिया में कंपनी के विकास केंद्र की तुलना में काफी छोटा है। इस केंद्र की स्थापना 2009 में हुई थी। यह भारत के बाजार की जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है। इसका काम फिलहाल सुरक्षा और डिजाइन पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि भारत में ही विकसित कार के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हैदराबाद के आरएंडडी केंद्र को उन्नत करना होगा। अभी यह काफी छोटा है।