आईसीआईसीआई बैंक के निदेशक मंडल में सरकार नामित निदेशक के जांच एजेंसियों से रपट मिलने तक बैंक बोर्ड की बैठक में शामिल होने की संभावना नहीं है. जांच एजेंसियां आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर से जुड़े हितों के टकराव के आरोपों की जांच कर रही हैं.
उक्त निदेशक आलोक रंजन ने आईसीआईसीआई बैंक के निदेशक मंडल की कल हुई महत्वपूर्ण बैठक में भाग नहीं लिया. इस बारे में पूछे जाने पर आधिकारिक सूत्रों ने कहा , ‘ अगर सरकार नामित निदेशक बोर्ड की बैठक में शामिल होते हैं तो इसे बोर्ड के विचारों का समर्थन माना जाएगा. सरकार का मानना है कि उस की राय को खारिज किया जा सकता है क्योंकि अल्पांश शेयरधारक है. ’ आईसीआईसीआई बैंक की कल हुई बोर्ड बैठक में आईसीआईसीआई बैंक के त्रैमासिक व सालाना वित्तीय परिणामों को मंजूरी दी गई.
सूत्रों ने कहा कि इसके मद्देनजर विभिन्न जांच एजेंसियों से जानकारी मिलने के बाद ही बोर्ड बैठक में शामिल होने में बुद्धिमानी होगी. सरकारी नामित निदेशक ने आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड की आज हुई बैठक में भी भाग नहीं लिया. आईसीआईसीआई बैंक मामले में सरकार के रुख के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा कि वह नियामकीय तथा जांच रपटों के आधार पर ही कोई राय बनाएगी.
आरोप है कि कर्ज लेने वालों ने आईसीआईसीआई बैंक से कर्ज दिए जाने के बदले चंदा कोचर के परिवार वालों को वित्तीय फायदे दिए. मामले की जांच सीबीआई व आयकर विभाग सहित अनेक एजेंसियां कर रही हैं.
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