फेसबुक, इंस्टाग्राम पर यदि आपने अपने महंगे वेकेशन या नई SUV की तस्वीरें पोस्ट की हैं तो हो सकता है कि निकट भविष्य में आपको आयकर विभाग का नोटिस आ जाए! यह बात अभी भले ही बेहद छोटी या दूर की कौड़ी लग रही हो लेकिन मामले के जानकारों की राय में यह जल्द ही सच हो सकता है.
एनडीटीवी डॉट कॉम पर ब्लूमबर्ग के छपे आलेख के लब्बोलुआब पर जाएं तो सरकार सोशल मीडिया पर आपकी पोस्ट्स के जरिए आपके स्पेंडिंग पैटर्न यानी कि आप कहां कहां, कैसे कैसे, किस हिसाब से खर्च करते हैं और खर्च का पैटर्न क्या है, पर नजर डाला करेगी. वह इस ऑब्जरवेशन की तुलना आपके द्वारा आयकर रिटर्न फाइलिंग (Income Tax Return Filing) में आय के मुहैया करवाए गए स्रोतों और कुल आय से करेगी. किसी भी प्रकार का मिसमैच पाए जाने पर आपसे सवाल जवाब किया जा सकता है. इस पूरी कवायद को दुरुस्त करने का काम अगले ही महीने से शुरू हो सकता है.
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इस पूरे मामले से जुड़े लोगों के हवाले से इस लेख में कहा गया है कि अगले ही महीने से पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार प्रोजेक्ट इनसाइट नामक वर्चुअल सूचनाओं का ऐसा पूल तैयार कर रही है जहां बैंकों जैसे पारंपरिक स्रोतों के अलावा अन्य जगहों जैसे कि सोशल मीडिया साइट से आपके बारे में उठाई गई सूचना भी शामिल होगी. इससे लाभ यह होगा इनकम टैक्स विभाग को कार्यालयों और घरों पर छापा मारने की एकदम सीधे जरूरत नहीं पड़ेगी.
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अशोक माहेश्वरी एंड असोसिएट्स में मैनेजिंग पार्टरन अमित माहेश्वरी के हवाले से इस लेख में कहा गया है कि दुनिया भर में टैक्स एडिमिनिस्ट्रेशन्स एक कदम आगे जाकर अब आंकड़ों के विश्लेषण का रास्ता अख्तियार करते हैं. इससे यह भी होगा कि लोगों की हरासमेंट कम होगी क्योंकि पब्लिक इंटरफेस नहीं रहेगा और टैक्स अधिकारी अपना काम सीधे कर पाएंगे. जांच को लेकर प्रक्रिया अब सीधे हो सकेगी.
वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता डीएस मलिक ने इस प्रोजेक्ट को लेकर कुछ भी कहने से मना कर दिया. सरकार कह चुकी है कि उसने एलएंडटी इंफोटेक लिमिटेड से इस बाबत कॉन्ट्रेक्ट किया है ताकि अच्छा नेटवर्क विकसित हो सके और लोगों द्वारा स्वेच्छा से टैक्स संबंधी कानून का पालन करने की आदत डलवायी जा सके.