व्यापार सुविधा के मामले में भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बाली बैठक में ज्यादा कुछ नहीं गंवाया और खाद्य सुरक्षा के मुद्दों पर अपनी बात मनवाने में कामयाब रहा।
वाणिज्य मंत्रालय में विशेष सचिव राजीव खेर ने राजनीतिक दलों एवं कुछ एनजीओ द्वारा उठाई जा रही चिंताओं को खारिज करते हुए कहा, 'बाध्यकारी प्रतिबद्धताओं को लेकर भारत की चिंताएं थीं, इसलिए हमारी स्थिति का सम्मान किया गया, जो हम चाहते थे उसका करीब 80 प्रतिशत समायोजित किया गया और 20 प्रतिशत समायोजित नहीं किया गया।'
मुख्य विपक्षी दल भाजपा, वाम समर्थक किसान यूनियनों व जीन कैंपेन जैसे एनजीओ ने बाली बैठक के नतीजों का यह कहते हुए आलोचना की है कि इससे गरीब लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने के एक देश के संप्रभुता के अधिकार का हनन हुआ है।