अरबपतियों की बाढ़ और किसी भी तरीके से पूंजी बढ़ाने की प्रवृत्ति ने भारत को क्रोनी कैपिटलिस्ट देशों की सूची में 9वें स्थान पर ला खड़ा किया है।
'द इकॉनॉमिस्ट' के ताजा अंक में जारी क्रोनी कैपिटलिस्ट सूचकांक के अनुसार, क्रोनी पूंजी वैश्विक जीडीपी और कुल अरबपतियों की पूंजी के अनुसार तेजी से बढ़ी है।
अध्ययन में कहा गया है, 'उत्साहजनक रूप से भारत संभवत: अपनी गतिविधि को साफ कर रहा है। साल 2008 में क्रोनी संपत्ति जीडीपी के 18 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, जो रूस के बराबर है। आज यह जीडीपी का तीन प्रतिशत है, जो ऑस्ट्रेलिया के स्तर के बराबर है।'
भारत में गैर-क्रोनी सेक्टर संपत्ति जीडीपी का 8.3 प्रतिशत है। सूचकांक में रूस को सर्वाधिक बुरा क्रोनी-कैपलिस्ट देश बताया गया है। उसके बाद मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, यूक्रेन, मेक्सिको, इंडोनेशिया और तुर्की है, जो सूची में भारत से ऊपर हैं।
क्रोनी कैपलिस्ट सूचकांक मोर्गन स्टैनले इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट के रुचिर शर्मा और दिल्ली के सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की अदिति गांधी और मिशेल वाल्टन द्वारा किए गए एक अध्ययन पर आधारित है।
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