मॉनसून की वर्षा अच्छी रहने से चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. फिक्की के एक सर्वेक्षण में अर्थशास्त्रियों ने यह अनुमान व्यक्त किया है.
उद्योग मंडल फिक्की ने यह ताजा सर्वे जारी करते हुये कहा है कि इस प्रकार के उसके पिछले सर्वे के मुकाबले 2016-17 की वृद्धि के अनुमान में मामूली सुधार हुआ है. ‘यह सुधार कृषि और उद्योग क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन की बदौलत आया है.’ इसमें कहा गया है कि इस साल मॉनसून की वर्षा अच्छी रही है जिससे कि कृषि उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद है.
रिजर्व बैंक ने भी कहा है कि निकट भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि परिदृश्य बेहतर नजर आता है और 2016-17 में आर्थिक वृद्धि 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है. फिक्की की आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी वृद्धि 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान सकल मूलय वर्धन (जीवीए) 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
यह सर्वे जुलाई-अगस्त के दौरान उद्योग, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र से जुड़े अर्थशास्त्रियों के बीच कराया गया. हालांकि, ताजा सर्वेक्षण में सेवा क्षेत्र की वृद्धि में पिछले अनुमान के मुकाबले मामूली गिरावट देखी गई है. सर्वेक्षण में भाग लेने वाले अर्थशास्त्रियों का यह भी मानना है कि बैंकों को जमा दरों में और कमी लाने में अभी समय लगेगा. उनका कहना है कि रिजर्व बैंक और सरकार ने जो कदम उठाये हैं उनसे बैंकों को अपनी संचालन लागत कम करने में मदद मिल सकती है लेकिन फंसे कर्ज की ऊंची राशि और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिये प्रावधान के नियमों से सस्ते कर्ज को उपलब्ध कराना चुनौती बना हुआ है.